Tag: शेरो शायरी
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सच ये है बेकार हमें गम़ होता है…
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सच ये है बेकार हमें गम़ होता है जो चाहा था दुनिया में कम होता है ढलता सूरज…
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कोई चौदहवीं रात का चांद बन….
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कोई चौदहवीं रात का चांद बन कर तुम्हारे तसव्वुर में आया तो होगा किसी से तो की होगी…
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तुमने दिल की बात…..
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तुमने दिल की बात कह दी आज ये अच्छा हुआ हम तुम्हें अपना समझते थे बड़ा धोखा हुआ…
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अकबर इलाहाबादी की कुछ गजलें.
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हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की…
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हम तो हैं परदेस में…..
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हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा…
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महफिल ए मजरूह
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हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह इस कू-ए-तिश्नगी में बहुत है कि…
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जनाब कतील शिफाई की कुछ गजलें
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अपने हाथों की लकीरों में बसाले मुझको मैं हूं तेरा नसीब अपना बना ले मुझको मुझसे तू पूछने…
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असर उसको ज़रा नहीं होता….
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असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत फ़ज़ा नहीं होता तुम हमारे किसी तरह न हुए वर्ना दुनिया…
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