तो साथियों मै अपनी लम्बी छुट्टियां मनाकर वापस लौट आया हूँ। अक्सर सोचना पड़ता है कि क्या लिखें, क्या ना लिखें। ये लिखे या वो लिखें। यदि ऐसा लिखा तो लोग वैसा सोचेंगे, वैसा लिखा तो ऐसा सोचेंगे। अक्सर ये विचार दिमाग मे घुमड़ते रहते है। लेकिन हमारे मिर्जा साहब ने ज्ञान देते हुए फटकार लगाई,
अबे ब्लॉगर हो, ब्लॉगर ही बने रहो, ज्यादा सोचो विचारो नही, बस लिखते रहो। यदि सोच विचार करके लिखोगे तो साहित्यकार या कहानीकार बन जाओगे और साहित्याकार/कहानीकार/समीक्षक बन गए तो ब्लॉगर तो रहोगे नही। फिर वो नयी राह, इस पुरानी राह से ज्यादा कठिन होगी, कंही ऐसा ना हो कि ना इधर के रहो और ना उधर के। इसलिए साहित्यकारों वाला काम फुरसतिया के लिए छोड़कर तुम बस कर्म करो, यानि लिखो। जो मन मे आए लिखो।
तो भई, मिर्जा साहब हमारे बुजुर्गवार है, इसलिए उनकी बात को ध्यान मे रखते हुए लिखने के कार्य को दोबारा शुरु किया जा रहा है। चलिए सबसे पहले इन्डियन क्रिकेट टीम की खबर ले ली जाए। जब तक आप यह पोस्ट पढ रहे होंगे तब तक भारत-साउथ अफ़्रीका की क्रिकेट श्रृंखला समाप्त हो चुकी होगी। काफी लोग बाकायदा इस बारे मे विस्तार से लिख चुके होंगे, लेकिन हम तो भाई एक्स्पर्ट कमेन्ट वाले है, इसलिए अपनी सिर्फ़ एक्पर्ट वाली राय लिखेंगे। इस श्रृंखला से कुछ बाते तो साफ़ हो ही गयी है।
चित्र साभार : क्रिकेट टीस
- वीरेन्द्र सहवाग को कोच चैपल ने गोद ले रखा है।
- गांगुली मे क्रिकेट अभी बाकी है, ये बात और है कि बोर्ड को उनकी डालमिया भक्ति ज्यादा दिख रही थी, क्रिकेट कम।
- टीम के फिजियो थैरेपिस्ट की आंखे कमजोर है, सिर्फ़ उसे मुनाफ़ फ़िट दिख रहा था, बाकी सभी को तो बीमार दिख रहा था।
- सचिन पर अब उम्र हावी हो गयी है।
- इरफ़ान पठान, कोच के प्रयोगों का शिकार हुआ, ना घर का रहा ना घाट का।
- जहीर खान ने दिखा दिया कि उसमे अभी भी दम बाकी है।
- केरल एक्सप्रेस को प्रोत्साहन की जरुरत है, इसे कोच के प्रयोगों से दूर रखा जाए।
- राहुल द्रविद भी, बैटिंग पर कप्तानी हावी हो गयी दिख्खे है।
- लक्ष्मन अब वैरी वैरी स्पेशल नही रहे।
- गौतम गम्भीर, दक्षिण अफ़्रीका मे सफ़ारी घूमने गए थे।
- धोनी, ध्यान रखे कि भारत के पास उसका भी विकल्प मौजूद है।
- कोच अब अपने सिडनी वाले फ़्लैट की सफ़ाई करवाना शुरु कर दे।
बाकी सब चकाचक है, हार जीत तो लगी रहती है, लेकिन अगर हार ही हार लगी रही तो भारतीय क्रिकेट का बेड़ा-गर्क समझो। अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा नुकसान विज्ञापन देने वाली कम्पनियों का होगा। आपके पास भी यदि कुछ आब्जर्वेशन है तो लिख दीजिए, चूकिए मत। क्या पता बांग्लादेश के खिलाफ़ मैच जीतने के बाद लोग दक्षिण अफ़्रीका मे असफ़लता को भुला बैठे।
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