एक बार एक अंग्रेज मित्र हमारे साथ भारत यात्रा पर आए, उन्होने आश्चर्य जताया कि इतनी भाषाएं , इतने अलग तरह का रहन सहन, खाना पीना और विचारधारा , वो क्या चीज है जो इन सबको जोड़े रखती है? किसी एक चीज का नाम बताओ। जब तक मै राष्ट्रीयता या किसी और चीज का नाम लेता या कुछ और कहता कहता, मेरे एक स्थानीय मित्र का दस साल का छोटा बेटा कह उठा, “क्रिकेट“। मै सोचता रह गया कि क्या ये जवाब सही था? शायद गलत भी नही था।
क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है, हर गली मोहल्ले मे क्रिकेट के चाहने वाले मिल जाएंगे और तो और क्रिकेट के एक से बढकर एक्सपर्ट आपको मिल जाएंगे। चबतरों, टीवी की दुकानों के बाहर, नाई की दुकानों पर बैठे यह एक्सपर्ट टीवी पर दिखाए जाने वाले टीवी एक्पर्टों से बहुत ज्यादा अच्छी जानकारी रखते है। घरों में पति पत्नी के बीच झगड़े टीवी पर क्रिकेट मैच को देखने को लेकर ही होते है। ना मानो, इस बार ट्राई करके देखना। मतलब ये कि क्रिकेट का खुमार सर चढकर बोलता है। जब विश्वकप क्रिकेट का खुमार सर चढकर बोल रहा है, तो नारद भी इससे अछूते कैसे रहते? क्रिकेट के महाकुम्भ यानि विश्वकप 2007 मे नारद जी भी कूद गए है, मय सभी हिन्दी चिट्ठाकारों के। कैसे?
१. नारद का हैडर क्रिकेट मय कर दिया गया है। (अभी कुछ और स्वरुप भी बदला जाना बाकी है।)
२. जिन साथियों ने क्रिकेट पर कुछ लिखा है उनके लेख नारद पर अलग से साइड-बार में भी दिखाए जाएंगे।
क्रिकेट सम्बंधी लेखों पर टैक्नोराती पर क्रिकेट का टैग लगाने के लिए यहाँ पर जाकर देखें।
आपके भी यदि कोई और सुझाव हों तो नारद जी को अवश्य अवगत कराएं। तो फिर आप कब लिख रहे है क्रिकेट पर?
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