बैंगलौर अब बंगलूरू

लो जी, शहरों के नाम बदलने की लिस्ट मे एक और नाम जुड़ गया, बैंगलौर। आज यानि एक नवम्बर से बैंगलौर का नाम बंगलूरू हो जाएगा। banglore
आप कहेंगे नाम मे क्या रखा है, अमां बहुत कुछ रखा है। हजारों लोगों को अपने विजिटिंग कार्ड बदलने होंगे, वैबसाइट, साइन बोर्ड बदलने पड़ेंगे। सरकारी फाइलों मे बदलाव होगा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर बदला नाम लिखा जाएगा। इसमे करोड़ो रुपए खर्च होंगे। लेकिन कर्नाटक सरकार है कि उसके कान पर जूं तक नही रेंग रही। वो कहते है कि मामुली सा खर्च आएगा। और तो और वो तो नए नाम को कर्नाटक के स्वाभिमान से जोड़ कर देख रहे है। हिन्दुस्तान मे यही तो होता है, किसी चीज को जनता पर थोपना होता है तो उसे जनता के स्वाभिमान से जोड़ दिया जाता है। अब नए नाम की जरुरत काहे पड़ी? इत्ते सालों से क्या स्वाभिमान सो रहा था? या आज अचानक सपना आया। पता नही क्या खाकर लोग सत्ता पर काबिज होते है।

बात सिर्फ़ खर्चे की नही है, बैंगलौर की एक ब्रांड इमेज है एक साख है, देश मे, विदेश मे और हर उस जगह पर जहाँ कम्प्यूटर साफ़्टवेयर की बात होती है। नाम बदलने से इस ब्रांड इमेज को कुछ क्षति तो अवश्य पहुँचेगी, और साथ ही दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे भी अपने शहरों के नाम बदल लें। ये चलन ठीक नही। बंबई से मुम्बई हुआ, कलकत्ता से कोलकाता हुआ, त्रिवेन्द्रम से थिरुअनन्तपुरम हुआ, विशाखापत्तनम से विजाग हुआ और अब बैंगलौर की बारी। ये नाम बदलाव कहाँ पर जाकर ठहरेगा?

कुछ सुझाव और है , सरकार इनको भी इम्प्लीमेन्ट कर दे

दिल्ली : इन्द्रप्रस्थ
कानपुर : कर्णपुर
लखनऊ : लखनपुर

और भी बहुत सारे है, लिखने बैठेंगे तो पन्ने भर जाएंगे, पन्ने भरने चाहिए, लेकिन टिप्पणियों से, चलो अब आप भी पाठक धर्म निभाओ, टिप्पणी करके।

9 responses to “बैंगलौर अब बंगलूरू”

  1. bhuvnesh Avatar

    अब बाप ने जो काम प्रधानमंत्री रहते किया तो बेटा कैसे ना करे।
    वैसे आपकी बात सही है कि बेंगलौर की ब्रांड इमेज पर इसका कुछ प्रभाव पड़ सकता है

  2. hitendra Avatar

    दुःख हुआ जानकर। मैं रहा हूँ वहाँ और हज़ारों उत्तर भारतीय युवा रहते हैं। ये उनके सपनों का शहर है। इसे वहाँ रहने वाले दक्षिण भारतीय भी बैंगलोर कहते हैं। ये सब क्षेत्रवाद को हवा देने का काम है। बंगाल में तो एक प्रकार का बंगाली उपराष्ट्रवाद चल रहा है। सारी दुनिया का कलकत्ता भला कोलकाता कैसे हो सकता है? ये लोग समझते नहीं कि ये बड़े शहर अब सारी दुनिया की सांझी विरासत हैं।
    अगर कोइ कहे कि अल्लाहाबद या इलाहाबाद को प्रयाग कर दो तो त्यौरियाँ चढ़ जाएँगी इनकी। असली काम होता नहीं इनसे, इसीलिये भरमाते हैं हमको इन सब तमाशों से।

  3. संजय बेंगाणी Avatar

    नाम बदलने का मतलब हैं ढ़ेर सारे रेकोर्डस बदलने. जिसमे काफी समय और पैसा खर्च होता है. इन बदअक्कल नेताओं के पास से यह जाना नहीं है. जनता की मेहनत कि कमाई एक व्यर्थ के काम में बर्बाद होगी.
    लिस्ट में एक और नाम भी जोड़ ले अहमदाबाद – कर्णावती. साथ ही सूरत – सूर्यपुर.
    लेकिन ये नाम कभी बदले जाएंगे इसकी सम्भावना कम है, क्योंकि इनके मूल नाम अंग्रेजो द्वारा नहीं बदले गये थे.

  4. SHUAIB Avatar

    हमारे शहर का नाम बदलने वालों के लिए मेरे मुंह मे नए नए शब्द आ रहे हैं।

    बैठे बैठे कुछ करने को नही मिला तो नाम ही बदल डाला?????

    जब ब्मबई और मद्रास का नाम बदल दिया तब भी मुझे बुत गुस्सा आया।

    यहां हमारे आफिस मे जो कि ज़्यादा तर अपने ही भारती हैं – अज सुबह सुबह मुझे छेडना शुरू करदिया…….. अरे ओह बैंगलूरू 🙁

  5. क्षितिज कुलश्रेष्ठ Avatar

    एक और बात जो कि शहरों के नाम बदले जाने से होती है वह है विदेशों से भारत काम या पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों में भ्रम पैदा होना। और यह दोनो किस्म के लोग ही भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

  6. प्रियंकर Avatar

    जब हम कोई सार्थक गुणात्मक बदलाव करने में अक्षम होते हैं तो नाम बदलने की आसान-सी कवायद में लग जाते हैं . यही हो रहा है. अपने-अपने क्षेत्रों की वास्तविक समस्याओं को दूर करने के स्थान पर इस तरह के क्षेत्रीयतावादी रुझानों को पहले उभारा जाता है और फिर उन्हें इस तरह नाम बदल कर तात्कालिक रूप से संतुष्ट किया जाता है . यह उसी तरह है जैसे किसी बीमार बच्चे का इलाज़ न करवाया जाये और उसे लॉलीपॉप का भुलावा दे कर चुप करवा दिया जाये .

  7. समीर लाल Avatar

    जीतू भाई

    कहाँ तक इन मूर्खों की बातों का रोना रोया जाये. वैसे वो जो कह रहे हैं कि थोड़ा सा खर्च आयेगा, तो अंदर की बात समझें कि बाकि इनके पास जायेगा. अभी पैसा हजम करने की कोई और सालिड स्किम नजर नहीं आ रही होगी, तो यही सही.

    वैसे सोच रहा हूँ कि कहीं आतंकियों का टारगेट बने इस शहर की हिफाजत के लिये किसी ज्योतिष ने तो नाम बदलने की सलाह तो नहीं दे डाली, आजकल ऐसे ज्योतिष गली गली घूम ही नहीं रहे बल्कि उड़न तश्तरी जैसी चीजों में बैठ कर उड़ भी रहे हैं. भगवान, बचाये…….. 🙂

  8. प्रतीक पाण्डे Avatar

    ख़र्च ज़रूर आएगा, लेकिन शहर को अपना सही नाम भी प्राप्त होगा। आपने जो उदाहरण दिए हैं, वे नामों के परिवर्तन समय के साथ स्वत: हुए हैं। किसी के द्वारा ज़बरदस्ती थोपे नहीं गए। लेकिन कलकत्ता, बंबई और बेंगलौर आदि अंग्रेज़ों के दिए नाम हैं। क्योंकि वे मूल नामों को ढ़ंग से नहीं बोल पाते थे, इसलिए उन्होंने नाम अपने हिसाब से बदल दिए। लेकिन दु:ख यह है कि हमें अंग्रेज़ो द्वारा जबरन थोपी गई हर चीज़ से लगाव हो गया है, जैसे अंग्रेज़ी और शहरों के ये नाम। यह हमारे मानसिक दिवालियापन का द्योतक है।

  9. संजय बेंगाणी Avatar

    प्रतिक की बात से आंशिकतौर पर सहमत हूँ, फिर इस नियम को आतताईयों द्वारा बदले गये नामो को भी ठीक करने के लिए लागु किया जाना चाहिए.
    जैसे हमारे शहर का नाम अहमदाबाद से कर्णावती या राजनगर किया जाना चाहिए.

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