कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जो आपको अतीत में ले जाती हैं, आपकी यादों को तरोताज़ा कर देती हैं, और आपके दिल में बसे किसी खास एहसास को छू जाती हैं। आज मैं आपको ऐसी ही एक जगह पर लेकर चलता हूँ, जो मेरे दिल के बेहद करीब है। मैं, आपका हमसफ़र, जितेंद्र चौधरी, आपको लिए चलता हूँ दुबई की धड़कन, उसकी रूह – दुबई क्रीक पर। जब भी दुबई का ज़िक्र होता है, हमारी आँखों के सामने चमचमाती इमारतें, आलीशान शॉपिंग मॉल्स और जगमगाते रास्ते आ जाते हैं। लेकिन इस भव्यता के पीछे भी एक अलग, सुकून भरी, इतिहास से सजी एक दुनिया है – दुबई क्रीक। यह क्रीक आज भी बिना कुछ कहे, दुबई के सुनहरे अतीत और उसकी समृद्ध संस्कृति की दास्तान सुनाती है। यहीं से इस शहर की असली कहानी शुरू होती है – एक ऐसी जगह जिसने दुबई को दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक बना दिया।
क्रीक का इतिहास
दुबई क्रीक का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है, और यह दुबई को दो हिस्सों में बाँटता है – Deira (देरा) और Bur Dubai (बुर्ज दुबई)। बहुत पहले, यह जलमार्ग मछली पकड़ने, मोती की खोज, और व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। दूर-दूर से व्यापारी यहाँ आते, अपने सामान की अदला-बदली करते, और यहाँ की समृद्धि में इज़ाफ़ा करते। उस समय के पुराने बाज़ार, जो अब भी यहाँ मौजूद हैं, व्यापारिक हलचल का केंद्र हुआ करते थे। आज भी, जब आप इस क्रीक के पास खड़े होते हैं, तो उसकी हवा में वह पुराना दुबई महसूस कर सकते हैं। इसने दुबई को एक छोटे से गाँव से एक अंतर्राष्ट्रीय महानगर बनने का सफर तय करते देखा है।
क्रीक के किनारे की ज़िंदगी
दुबई क्रीक के दोनों किनारों पर आपको दो बिल्कुल अलग दुनिया मिलेंगी। एक ओर हैं पुराने दुबई की तंग गलियाँ, जहाँ छोटे-छोटे बाज़ारों में आज भी वैसी ही रौनक देखने को मिलती है, जैसी कभी सदियों पहले हुआ करती थी। और दूसरी ओर है आधुनिक दुबई, जो चमचमाती इमारतों और ऊँची-ऊँची स्काईलाइन से सजी है। यहाँ आकर, आप पारंपरिक अबरा (छोटी लकड़ी की नाव) की सवारी कर सकते हैं, जो सिर्फ 1 दिरहम में आपको एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाती है। इस छोटी सी यात्रा में आप दुबई की लोकल जिंदगी के साथ-साथ उस पुरानी दुनिया की झलक देख सकते हैं, जिसने इस शहर को अपने खून-पसीने से सींचा है।
दुबई क्रीक के आस-पास कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जैसे अल-फहिदी किला, जिसे अब दुबई म्यूजियम के रूप में तब्दील कर दिया गया है। इसके अलावा, दुबई गोल्ड सूक और स्पाइस सूक भी इस इलाके के प्रमुख आकर्षण हैं, जहाँ जाकर आपको दुबई की पुराने समय की व्यापारिक समृद्धि का अंदाजा होगा।
मेरी पहली दुबई यात्रा
बहुत से लोग नहीं जानते कि मेरी पहली दुबई यात्रा 1982 में हुई थी, और वह भी सिर्फ 3 दिनों के लिए। उन दिनों ना दुबई मुझे भाया था, और ना ही यहाँ के लोग। हर रोज़ मैं भारी मन से दुबई क्रीक पर आता, आसमान की ओर देखता, और बस जल्द से जल्द हिंदुस्तान लौटने की दुआ करता। मुझे लगता था कि इस क्रीक के उस पार मेरा वतन है। जल्द ही मेरी दुआ कबूल हुई, और मेरी दुबई की सबसे छोटी यात्रा समाप्त हुई। उस समय ना मैं उतना समझदार था, और शायद दुबई भी इतना विकसित नहीं था। दोनों ने इस ब्रेक-अप को सहजता से लिया और अपनी अपनी जिंदगी में मूव-ऑन कर गए। लेकिन समय के साथ हम दोनों परिपक्व हो चुके हैं। अब जब भी मैं दुबई आता हूँ, तो हर बार इस क्रीक के पास आकर उन पुरानी यादों को ताजा करता हूँ। अरे! ये कहाँ मैं आपको अपनी कहानी सुनाने लगा, आइए आगे चलते हैं।
आधुनिकता का प्रवेश
दुबई सरकार ने इस ऐतिहासिक जगह का महत्व समझा और इसे आधुनिक रूप दिया, लेकिन इसकी पुरानी विरासत और संस्कृति को भी संजोकर रखा। आज दुबई क्रीक पर चलने वाले धो क्रूज़ (Dhow Cruise) आपको एक लग्जरी अनुभव देते हैं। डिनर के साथ आप दुबई के चमचमाते स्काईलाइन का नज़ारा देख सकते हैं। इमारतों की रोशनी, स्वादिष्ट खाना, और शानदार लोक संगीत – सब कुछ मिलकर यह सफर अविस्मरणीय बना देता है। दुबई क्रीक हार्बर के पास कई रेस्टोरेंट्स और कैफे हैं, जहाँ बैठकर आप इस शहर की नज़ाकत और भव्यता का आनंद ले सकते हैं। साल भर यहाँ विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम होते रहते हैं, और कई बार आतिशबाज़ी के भव्य शो भी आयोजित होते हैं।
मुझे याद है, मेरी पिछली 2020 की यात्रा में मेरा होटल दुबई क्रीक के बिल्कुल पास था। रोज़ सुबह की सैर के लिए क्रीक के किनारे चलना मेरे दिन की सबसे सुकून भरी शुरुआत हुआ करती थी।
क्यों जाएं दुबई क्रीक?
दुबई क्रीक सिर्फ एक जलमार्ग नहीं है, यह दुबई की धड़कन है। यह वह जगह है, जहाँ आप दुबई की आत्मा को महसूस कर सकते हैं – उसके इतिहास, उसकी संस्कृति और उसकी पारंपरिक विरासत को। अगर आप दुबई का असली चेहरा देखना चाहते हैं, तो यहाँ ज़रूर आएं। यहाँ की तंग गलियों में खोना, हर नुक्कड़ पर नई कहानियाँ सुनना, और यहाँ के लोकल जीवन का हिस्सा बनना एक अनमोल अनुभव है। यहाँ पर बेहतरीन हुक्का (Shisha) और अरबी कहवा/चाय मिलती है। हुक्का मध्य पूर्व की जीवनशैली का अटूट हिस्सा हैं, इसको यहाँ बुरा नहीं माना जाता।
क्रीक के किनारे बैठकर चाय और हुक्के के साथ गुज़रे वक्त और भविष्य के मिलन को महसूस करना एक ऐसा अनुभव है, जो आपको दुबई को एक नए नज़रिये से देखने का मौका देगा। यहाँ आप देखेंगे कि कैसे दुबई अपने अतीत को सहेजते हुए, भविष्य की ओर आत्मविश्वास से अग्रसर हो रहा है।
आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद! मैं कोई यात्रा किट या सेवा नहीं बेचता, बस अपने शौक के लिए लिखता हूँ। सफर यूँ ही जारी रहेगा, तो मुझे फॉलो करना मत भूलिएगा, और अपने घुमक्कड़ दोस्तों के साथ इसे शेयर करें। जल्द ही मिलते हैं, एक नई यात्रा पर।
Photo : Dubai 2020
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