आज (23 दिसम्बर, 2007) का दिन गुजरात की जनता के लिए ढेर सारी खुशियां लाया, जब उनके चहेते नेता नरेन्द्र मोदी भारी बहुमत से जीत की ओर अग्रसर है। अभी तक की मतगणना के हिसाब से विधानसभा की 182 सीटों में से भाजपा 117 सीटों पर आगे चल रही है, उसे लगभग 115 से ज्यादा सीटे मिलने का अनुमान है। 182 सीटों की विधान सभा में पूर्ण बहुमत के लिए 93 सीटों की जरूरत पड़ेगी। ये चुनाव इस मायने मे सबसे महत्वपूर्ण है कि नरेन्द्र मोदी ने मीडिया, कांग्रेस, लेफ़्ट पार्टी, बीजेपी असंतुष्टों, सरकार विरोधी एनजीओ, विश्व हिंदू परिषद और यहाँ तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लोहा लेते हुए ये चुनाव जीते है। नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद दिला दी, जो अपने इरादों के अटल थे और किसी भी बाधा से नही डरते थे। मीडिया के भारी विरोध के बावजूद जनता मे, विशेषकर युवाओं मे उनकी पहचान एक सच्चे गुजराती की है, जो गुजरात को उन्नति के शिखर पर ले जाना चाहता है।

नरेन्द्र मोदी : ‘मैं सात अक्टूबर 2001 को इस राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बना। मैं तो शुरू से ‘सीएम’ हूं। आज भी ‘सीएम’ हूं और कल भी रहूंगा, क्योंकि ‘सीएम’ से मेरा मतलब ‘कॉमन मैन’ (आम आदमी) है।
ये जीत, गुजरात अकेले मोदी की जीत नही है, ये जीत हर उस गुजराती और उस भारतवासी की जीत है जो गुजरात को दिल से चाहता है और उसकी प्रगति के लिए प्रयासरत है। आज मोदी ने दिखा दिया कि विपरीत परिस्थितियों मे भी कैसे चुनाव जीता जा सकता है। मेरी तरफ़ से गुजरात के सभी साथियों को बहुत बहुत बधाई।
अब हम वापस टीवी की तरफ़ रुख करते है, कांग्रेसी/लेफ़्ट के नेताओं के हताशा भरे बयान देखकर बहुत मजा आ रहा है।
सम्बंधित लेख:
गुजरात चुनाव के मायने
Leave a Reply to sanjeev kumar sinha Cancel reply