हिन्दुस्तान लीवर भारत मे एक जाना पहचाना नाम है. यह समुह भारत मे उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन और वितरण करता है. भारत की सत्तर प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या गाँवों मे रहती है. भारत तब तक नही बदलेगा, जब तक गाँवो मे रोजगार से सुलभ साधन नही उपलब्ध कराये जाते. इन्ही बातो को ध्यान मे रखते हुए, हिन्दुस्तान लीवर ने कुछ स्वयंसेवी सस्थाओं के साथ मिलकर एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुवात की है, इसका नाम है शक्ति. इस योजना मे गाँव की महिलाओ को रोजगार के जानकारी,साधन, सहयोग और तकनीक उपलब्ध करायी जायेंगी.योजना के प्रथम चरण मे आंध्रा प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात मे प्रोजेक्ट शुरु किये गये है. इनके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे है.इस योजना के बारे मे यहाँ विस्तार से पढिये.
इसके अतिरिक्त कम्पनी ने एक आई शक्ति प्रोजेक्ट शुरु किया है, इस प्रोजेक्ट मे सूचना क्रान्ति को गाँव गाँव तक पहुँचाया जायेगा, ताकि गाँवो और शहरो का फर्क मिट सके. मै यह नही कहता कि इस प्रोजेक्ट मे इस कम्पनी के अपने हित नही होंगे, जरूर होंगे, लेकिन मुझे खुशी है कि कम से कम भारत के कार्पोरेट जगत को अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी का अहसास हुआ है. हमे आशा करनी चाहिये कि इसी तरह बहुत सारे कारपोरेट समुह आगे आयेंगे और भारत की एक नयी सूचना क्रान्ति को बढावा देंगे.
एक और प्रोजेक्ट है इ-चौपाल, जो आइटीसी कम्पनी द्वारा शुरु किया गया है, यह किसानो के लिये है. इस बारे मे विस्तार से अगली बार.
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