राष्ट्रीय गान से छेड़छाड़

National Flag

कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है.अभी कुछ दिन पहले किसी साहबान ने जनहित याचिका दायर की है कि हमारे राष्ट्रीय गान “जन गण मन” मे से “सिन्ध” शब्द हटाकर इसमे “काश्मीर” शब्द जोड़ दिया जाना चाहिये, क्योंकि सिन्ध अब भारत का हिस्सा नही है. इसके पक्ष और विपक्ष मे कई लोगो ने अपने अपने विचार रखे है. मेरे विचार इस प्रकार है.

मै जन्म से भारतीय हूँ और मेरी मातृ भाषा सिन्धी है.सिन्धी होने से पहले मै एक सच्चा भारतीय हूँ, लेकिन सिन्धी होने के नाते मुझे इस याचिका ने बहुत पीड़ा पहुँचायी है.”जाके पांव न फटी बिवाई,सो क्या जाने पीर पराई” ….जिसने बँटवारे का दर्द झेला है वही जानता है कि उसने क्या खोया है और क्या पाया है. हम सिन्धियों ने बँटवारे मे अपने घर बार, जमीन जायदाद, पैतृक विरासत, दोस्त यार और ना जाने क्या क्या खोया. सोचा कि इस देश को अपने खून पसीने से सींचेंगे और नये आशियाने मे दूसरो की खुशी मे ही अपनी खुशी ढूंढेंगे. हम शरणार्थी बन कर आये थे, और भारत को अपने तन मन से अपना माना, देश के विकास और उन्नति मे पूरा पूरा योगदान दिया. इसलिये आज आप सिन्धी हर क्षेत्र मे पायेंगे. क्या आप सिन्धियों के योगदान को नकार सकते है?

देश किसी एक व्यक्ति या इलाकाई कबीले क्षेत्र का नाम नही है, देश बनता है देशवासियो से, उनके विचारो, आदर और भाइचारे से.हम सिन्धियो ने कभी भी अलग प्रदेश की मांग नही की, कभी भी किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से सम्बंधित नही रहे. फिर आज ये बात याद दिलाकर क्या सिन्धी भाइयो के पुराने जख्म नही कुरेदे जा रहे है? क्या उन्हे अहसास नही दिलाया जा रहा है कि हम शरणार्थी ही है,इस देश ने उन्हे कभी अपना माना ही नही

आज इन साहबान को याद आया है, इनका कहना है कि जब सिन्ध भारत का अंग नही है तो यह हमारे राष्ट्रीय गान मे क्यो शामिल है. मै इनसे पूछना चाहूँगा

    1950 मे जब यह राष्ट्रीय गान हमारे संविधान मे शामिल किया गया था, क्या तब सिन्ध भारत मे शामिल था? यदि नही तो तब ये साहबान कहाँ सो रहे थे

    सिन्ध शब्द हटाने से और कश्मीर शब्द जोड़ने से क्या देश के बाकी प्रदेशो मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तरांचल,छत्तीसगड़ और नार्थ ईस्ट को इस गान मे प्रतिनिधित्व मिल जायेगा?

    सिन्ध शब्द का प्रयोग यहाँ पर किसी राज्य के लिये नही किया गया, बल्कि सिन्धु संस्कृति के लिये किया गया है, क्या भारतीय अपने को सिन्धु घाटी सभ्यता और सिन्धु संस्कृति से अलग मानते है?

    क्या राष्ट्रीय धरोहरो के साथ बार बार छेड़छाड़ करना सही रहेगा?

    क्या सामाजिक व्यवस्था के साथ अन्याय करना ठीक रहेगा?

    क्या यह सब बाते करके हम गुरू रवीन्द्र नाथ टैगोर की आत्मा को कष्ट नही पहुँचा रहे है?

    क्या हम एक सिरफिरे आदमी की बातो मे आकर, भारत को सोवियत संघ के विघटन की राह मे तो नही पहुँचा रहे है?

इस बारे मे आपके क्या विचार है, जरूर लिखियेगा.

10 responses to “राष्ट्रीय गान से छेड़छाड़”

  1. Atul Avatar
    Atul

    बात निकली है तो दूर तलक जायेगी| जीतू भाई, इस मुद्दे पर हमने सिर्फ ईसलिऐ नही लिखा क्योंकि आपका लेख ही ईन सिरफिरों को मुँहतोड़ जवाब होना चाहिऐ| पर एक बात है, यह राष्ट्रगान शुरू से विवादित है| सुनते है, यह लार्ड माँउटबेटन की आगवानी के लिए लिखा गया था| “भारत भाग्य विधाता” शब्द शायद उन्ही को संबोधित हैं| और लेडी माउँटबेटन से नैनमटक्का करने वाले नेहरू ने वंदेमातरम को तरजीह नही दी| कोई ईतिहासकार ईस बारे में खुलासा कर भी चुका है पर मेरे पास ईस वक्त पूरी जानकारी नही है|

  2. रमण कौल Avatar

    मैं भी यही कहना चाहता था। किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में यह लिखा बताया गया है। अनुवाद देखने पर भी यही लगता है। यह कड़ियाँ देखें।

    http://www.freeindia.org/vmataram/genesis_of_janaganamana.shtml
    http://www.cs.brockport.edu/~smitra/janaganamana.html
    http://en.wikipedia.org/wiki/Jana_Gana_Mana

    बाक़ी अपने बाङ्ला विशेषज्ञ देब भाई और रौशनी ड़ाल सकते हैं। वैसे मैं भी इसी बात का समर्थन करता हूँ कि राष्ट्रीय गान से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए, और नहीं होगी। कारण आपने बता ही दिए हैं।

  3. eswami Avatar

    ये याचिका किसि अस्तित्व-विहीन जंतु द्वारा अपनी तरफ़ ध्यान आकर्षित करवाने की एक घटिया कोशिश लगती है- हरकत है उसी तरह की. इस तरह कि कोशिश करने वालों को यहां “attention whore” बुलाया जाता है.

  4. 7;s Supreme Court to remove ‘Sindh’ from the national anthem was received with disbelief and derision from many bloggers. I just hope no one tells the plaintiff a […]

  5. thecommonsense Avatar
    thecommonsense

    i think in my school in school i used to sing it as “punjab,sindhU….” and not “sindh”.

    i remember some respectable teacher saying once ,what u pronounce is wrong and its actually ‘sindhu’ because sindh went to pakistan. i always thought it was official and so since the time of independence !!!

    but now a days after this case i keep wondering; why the hell i did not once noticed if it was sindh or sindhu.

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  8. jitendra singh Avatar

    mai aapka anuj jitendra singh, aapko sahirday namaskar karta hoon, aapko hum sayad yaad na ho, par aap ab bhi mere karib hai, mera accident friday ko 16/06/2006 ki sam ko ho gaya tha hath mr facture aur sar me thodi chot aayi hai ab thik mahsus kar raha hoon, pichhale kai mahino se mai net ke sampark me nahi tha esliye aapko mail nahi kar paya, es rastra gan par ek aur hamla huaa hai bhai,,,
    “” kuchh din pahale muslim ke kuchh bade netao ne ye kaha ki rastra gan ko wo nahi manage wo unake liye nahi hai aur jis kisi school me hota hai hum waha aapne bachchho ko bhi nahi bhejege ab waqt aa gaya hai bhaiya ki hame kisi nayae raste ki talas karani hogi nahi to ye neta log phir se ek naye pakistan bana dalege,

  9. […] ये तो असमंजस मे डाल दिया तुमने। मै तो अपना लिखा आज तक कंही छपने योग्य नही मानता। दिल और दिमाग मे घूम रहे विचारों को सिर्फ़ कीबोर्ड के जरिए, ब्लॉग पर उतारता चला जाता हूँ। लिखने को तो आज तक ६०० से ऊपर लेख लिखे है, लेकिन मुझे मोहल्ल पुराण के लेख लालू यादव पर लिखा लेख, और राष्ट्रीय गान से छेड़छाड़ वाला लेख मुझे पसन्द है।लेकिन आप मेरी मत मानना, मेरे सारे लेख यहाँ है इन्हे पढकर ही अपनी राय कायम करना। बहुत जल्द ही मै इनकी इबुक बनाकर आप सभी को पढाऊंगा, पढोगे नही तो जाओगे कहाँ? […]

  10. abhinandan singh Avatar

    hamey bhartiya honay ka gurv hai

    :;;;; jai hind:::::

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