अब तक हमारे पाठकों को म्युचुअल फंड से सम्बंधित काफी जानकारी हो चुकी होगी। अक्सर निवेशकों के मन में म्युचुअल फंड की स्कीम को लेते समय ये सवाल कौंधता है कि कौन सा प्लान लें ग्रोथ प्लान( Growth), लाभांश प्लान (Dividend) अथवा लाभांश पुनर्निवेश (Dividend reinvestment) प्लान। तीनो स्कीमें कुछ विशेषताएं रखती है। आइए इस बारे मे जाने।
ग्रोथ प्लान (Growth plan)
ग्रोथ प्लान मे म्युचुअल फंड को जितना भी लाभ होता है, वो उस लाभ को यूनिट मे बराबर बराबर बांटकर, नेट एसेट वेल्यू यानी नॉव मे जोड़ दिया जाता है। इस तरह लाभ होने की दशा मे, नॉव की वैल्यू दिन ब दिन बढ़ती जाती है। आप प्रतिदिन के नॉव से शेयर की खरीद फरोख्त कर सकते है। उदाहरण के लिए आपने कोई म्युचुअल फंड 10 रुपए की नॉव पर खरीदा, कंपनी जो जितना भी लाभ हुआ, प्रतिदिन के हिसाब से, उसको नॉव मे समायोजित किया गया। वित्त वर्ष के आखिरी में कंपनी की नॉव 16 रुपए रही, इस तरह से निवेशकों ने 6 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से लाभ कमाया। टैक्स संबंधित जानकारी के लिए चार्ट देखिए।
लाभांश प्लान (Dividend Plan)
म्युचुअल फंड के लाभांश प्लान मे खर्चे काटने के बाद हुए लाभ को यूनिट धारकों में बांट दिया जाता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने कोई एक म्युचुअल फंड 10 रुपए में खरीदा। वित्त वर्ष के आखिर में कंपनी को प्रति यूनिट 4 रुपए का लाभ हुआ। कंपनी ने खर्चे काटकर, प्रति यूनिट 3.20 पैसे का लाभांश घोषित किया। यह लाभांश सभी यूनिट (इस प्लान के) धारको मे बराबर बांट दिया गया। लाभांश बांटते ही यूनिट की नॉव (NAV) लाभांश के अनुपात में गिर जाती है। इस योजना मे लाभांश टैक्स फ्री होता है। अलबत्ता यदि आपने यूनिट एक साल के पहले बेची है तो शार्ट टर्म टैक्स लगेगा। एक साल बाद बेचने पर टैक्स नहीं लगता। अधिक जानकारी के लिए चार्ट देखिए।
लाभांश पुनर्निवेश (Dividend reinvestment) प्लान
यह प्लान उपरोक्त दोनों योजनाओं से थोड़ा अलग होता है। इसमे वित्त वर्ष के आखिरी मे जितना भी लाभांश होता है, उतने ही मूल्य की और यूनिट, धारक के खाते मे स्थानांतरित कर दी जाती है। इस तरह से आपका लाभ, प्रतिवर्ष पुनर्निवेशित होता रहता है। उदाहरण के लिए आपके कोई यूनिट 10 रुपए पर खरीदी, साल के आखिरी मे कंपनी को प्रति यूनिट 7 रुपए का लाभ हुआ, तो म्युचुअल फंड कंपनी आपको 7 रुपए के मूल्य की नई यूनिट, उस समय के नॉव के हिसाब से, आपके खाते मे स्थानांतरित कर देगी। टैक्स संबंधित जानकारी के लिए चार्ट देखिए।
ये तो रही विभिन्न योजनाओ की बात, लेकिन इनमे से कौन सी बेहतर है ? यदि आपको अपने निवेश से लगातार आय की उम्मीद है, यदि आप अपनी म्युचुअल फंड यूनिट को एक साल से अधिक नही रखना चाहते, तो डिवीडेंड वाला आप्शन बेहतर है। यदि आप म्युचुअल फंड मे निवेश दीर्घकाल के लिए कर रहे है, तो मेरे विचार से ग्रोथ वाला आप्शन बेहतर विकल्प है। इस तरह से आपका फंड अपने आप बढता रहेगा।
यदि आप अपने यूनिट को एक साल से ज्यादा के लिए रखना चाहते है, लेकिन टैक्स बचाना चाहते है तो लाभांश पुनर्निवेश स्कीम चुने। क्योंकि प्रति वर्ष लाभांश घोषित होने पर लाभांश के नयी यूनिट मिल जाएंगी और कंपनी नॉव घटा देगी। इस तरह से यूनिट बेचने पर आपको कैपिटल गेन्स कम होंगे, इस तरह से कम टैक्स लगेगा। लेकिन ये ध्यान रहे, तीनो स्कीमों में, एक वर्ष से कम समय मे यूनिट बेचने पर टैक्स देना पड़ेगा।
आप्शंस | डेब्ट म्युचुअल फंड | इक्विटी म्युचुअल फंड | ||
लाभांश | बिक्री | लाभांश | बिक्री | |
लाभांश | कर मुक्त | -एक साल से पहले बिक्री पर कर नियमित दायरे के अनुसार -एक साल बाद बिक्री पर कर 20 फीसदी इंडेक्सेशन के साथ |
कर मुक्त | -एक साल से पहले बिक्री पर कर 10 फीसदी -एक साल बाद बिक्री पर कर नहीं |
ग्रोथ | लागू नहीं | -एक साल से पहले बिक्री पर कर नियमित दायरे के अनुसार -एक साल बाद बिक्री पर कर 20 फीसदी इंडेक्सेशन के साथ |
लागू नहीं | -एक साल से पहले बिक्री पर कर 10 फीसदी -एक साल बाद बिक्री पर कर नहीं |
लाभांश पुनर्निवेश | लाभांश पुनर्निवेश कर मुक्त | -एक साल से पहले बिक्री पर कर नियमित दायरे के अनुसार -एक साल बाद बिक्री पर कर 20 फीसदी इंडेक्सेशन के साथ |
लाभांश पुनर्निवेश कर मुक्त | -एक साल से पहले बिक्री पर कर 10 फीसदी -एक साल बाद बिक्री पर कर नहीं |
मेरा यह लेख मोल तोल पत्रिका मे पूर्व प्रकाशित हो चुका है। म्युचल फंड सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए मुझसे सम्पर्क किया जा सकता है।
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