सबसे पहले तो मै अपने अंग्रेजी ब्लॉगर साथी अमित अग्रवाल को धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होने मुझे अपने इस लेख का हिन्दी मे अनुवाद करने की अनुमति दी। मै अमित के विचारों/मूलभूत बातों को जस का तस लेकर, हिन्दी मे अपने हिसाब से लेख लिख रहा हूँ।
आजकल चिट्ठाजगत मे चोरी की घटनाएं काफी बढ गयी है। अभी पिछले दिनो एक अंग्रेजी ब्लॉगर के चिट्ठों को जैसा का तैसा एक नए ब्लॉगर ने छाप दिया था, उसी तरह हमारे हिन्दी चिट्ठाकार के साथ भी ऐसी घटना घटी थी। हम सभी चिट्ठाकारों ने शोर मचाया तब जाकर रिडिफ़ ने वो ब्लॉग अपने यहाँ से हटाया। लेकिन कई कई बार चोरी कोई ब्लॉगर नही करता बल्कि कुछ तुरन्त पैसा कमाने की चाह रखने वाले बन्दे भी करते है, अमित अग्रवाल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इसे तकनीकी भाषा में Plagiarism कहते है। आइए देखें इस समस्या से कैसे निबटें:
आपकी ब्लॉग सामग्री चुराने वाले का पता कैसे लगाएं?
सभी का लिखने का स्टाइल अलग अलग होता है, आप भी कुछ अलग तरीके से लिखते होंगे इसलिए, इसलिए अपने ब्लॉग के कुछ हिस्से, कुछ शब्दों के समूह अथवा कुछ ऐसे वाक्यों को गूगल ब्लॉग सर्च, याहू या द्सरे ब्लॉग सर्च पर ढूंढे, जो आपके हिसाब से आपके ब्लॉग के अलावा दूसरी जगह नही होने चाहिए। इसके लिए पुराने ब्लॉगर अपने कुछ शब्दों मे जानबूझ कर गलतियां करते है, ताकि बाद मे उसे ढूंढने मे आसानी हो।
चोर का पता चल गया, अब क्या करें?
बहुत सही, यहाँ तक तो आप सही सही पहुँच गए। सबसे आसान तरीका तो यह है कि उस बन्दे/चिट्ठाकार को एक छोटी सी इमेल लिखे, बहुत ही सौहार्दपूर्ण तरीके। उसे बताएं कि भैया आपने अपने ब्लॉग पर जो लगाया है वो हमारा माल है, कृप्या करके इसे हटा दें, अथवा हमारा नाम दें (यदि आप अपना नाम उसके ब्लॉग पर देखने से ही संतुष्ट है तो) । यदि उसका इमेल का पता ना हो तो उसके ब्लॉग पर टिप्पणी मे वह बात लिख दें, लेकिन भाषा मे शालीनता रखें, साथ ही कम से कम तीन दिन इन्तज़ार करें। अक्सर चिट्ठाकारों सामग्री चोरी के मसले यहाँ तक ही सुलझ जाते है, लेकिन यदि यहाँ तक काम ना बने तो आगे पढिए।
ईमेल भेजी थी, जवाब नही मिला या नकारात्मक जवाब मिला
बहुत मुमकिन है कि आपको इमेल का जवाब ही ना मिले, या आपकी टिप्पणी को उस चिट्ठाकार ने अपने ब्लॉग पर पब्लिश ही ना किया हो या हटा दिया हो। हो सकता है कि उल्टा उसने आप पर ही चोरी का आरोप मढ दिया हो। गुड! ये हुई ना बात, इसे कहते है चोरी, ऊपर से सीना जोरी। अब चुप मत बैठिए, उसको इमेल करने का कोई फायदा नही। उसको सबक सिखाने का वक्त आ गया है, अब आगे की कार्यवाही करिए। क्या? आगे पढिए ना भई…
उसकी होस्टिंग कम्पनी को इत्तिला करिए
वो ब्लॉगर भले ही चोर उचक्का टाइप का होगा, लेकिन होस्टिंग कम्पनियां किसी भी चोरी की शिकायत को बहुत गम्भीरता से लेती है, आखिर उनकी अपनी इज्जत दाँव पर लगी होती है। बशर्ते कि वो आपकी बात को सुने और आप उन्हे अपनी बात ढंग से समझा सकें।
होस्टिंग वालों को कैसे ढूंढे?
अरे बहुत आसान है भई, अगर वो ब्लॉग है तो कंही ना कंही तो होस्टेड होगा, या फिर उस बन्दे का अपना डोमेन होगा। ढूंढ निकालिए उसका अता पता, WHOIS lookup se (http://whois.net) से। सारी जानकारी को प्रिंट कर लीजिए। इस जानकारी मे होस्टिंग कम्पनी का पता जरुर होगा। होस्टिंग कम्पनी की साइट पर जाइए, उनकी साइट पर copyright notice को भी पढ लीजिए, हो सके तो उसको प्रिन्ट करके, बारीकियों पर नजर दौडाइए, ये आपका हथियार बनेगा।
अब चोरी वाला मिल गया, होस्टिंग कम्पनी मिल गयी, आगे?
बताता हूँ, बताता हूँ, धीरज मत खोयें। होस्टिंग कम्पनी का इमेल का पता ढूंढ लें। अब अपना होमवर्क कर लीजिए। कन्टेन्ट आपका अपना है इसके समर्थन मे कुछ सबूत जुटा लीजिए। आपके पक्ष मे बहुत सारे सबूत मिल जाएंगे जैसे :
- गूगल कैच से अपने पन्ने का प्रिन्ट आउट।
- अपनी साइट की रेटिंग ।
- उस बन्दे की साइट की रेटिंग ( जी हाँ, अक्सर चोरी वाले बन्दे की रेटिंग कम ही होगी)।
- टैक्नोराती पर आपके ब्लॉग का प्रोफाइल, कितने लोग आपके ब्लॉग से जुड़े है, उसकी जानकारी।
- नारद या उस जैसी साइट पर आपका कन्टेन्ट (और तारीख)।
- अलेक्सा की रेटिंग और वैब ट्रैफ़िक की जानकारी।
- यदि आपकी साइट की जानकारी जो आर्काइव डाट ओआरजी पर संचित होती है (तारीख सहित)
अब आगे?
जी हाँ, अब सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, सबसे पहले तो आप अपने समूह को सूचित करिए, उन्हे पूरा मुद्दा, सबूतों सहित बताइए। अब एक प्रभावशाली चिट्ठी लिखिए, होस्टिंग कम्पनी को मय सबूत के, ध्यान रखिए, आपका पत्र प्रभावशाली हो और आप उन्हे निश्चिंत कर सके कि सामग्री आपकी अपनी है। साथ ही वह पत्र, अपने ब्लॉग पर भी छाप दीजिए, ताकि आपके पाठक इस मसले के बारे मे जान सकें।
जवाब ना आए, या देरी लगे तो क्या करें?
वैसे तो उम्मीद है कि आपको जवाब जल्द से जल्द मिल जाएगा, यदि ना मिले या काफी देर लगे, तो अगला कदम उठाइए। सभी सर्च इन्जिन को उसी पत्र का हवाला देते हुए सूचित करिए और उन्हे निवेदन करिए कि चोरी करने वाली साइट को अपने सर्च इन्डेक्स से हटाएं। याहू और गूगल जैसी कम्पनियां कापीराइट के उल्लंघन को बहुत गम्भीरता से लेती है। यदि साइट सर्च इन्डेक्स से हट गयी, तो चोरी करने वाले का उद्देश्य सफ़ल नही होगा और वो अपने आप कन्टेन्ट हटा लेगा। यदि ऐसा नही होता तो क्या करें? आगे पढिए।
साइट विज्ञापन दाताओं को खबर करिए
जी हाँ आप सबसे पहले गूगल एडसेन्स, याहू पब्लिशर्स नैटवर्क और दूसरे विज्ञापनदाताओं और उनके नैटवर्क को खबर करिए। ध्यान रखिए, आपका पत्र प्रभावशाली हो, आपने पक्ष बहुत अच्छे तरीके से रखा हो, साथ मे सबूतों के लिंक हो, या अटैचमेन्ट हो। यदि वो उस बन्दे आपका कन्टेन्ट चुराया होगा तो निश्चय ही विज्ञापन पाने के लिए ही चुराया होगा। यदि आप विज्ञापन देने वालों को बाखबर कर देंगे तो निश्चय ही ये लोग अपने विज्ञापन उस साइट से हटा देंगे और उस बन्दे की साइट की रेटिंग कम कर दी जाएगी, जिससे उसे काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। हो सकता है उसे ब्लैकलिस्टेड ही कर दिया जाए। आपने अपना काम कर दिया, अब रिलैक्स होकर अपने ब्लॉग पर लिखिए। थोड़े ही दिनो मे या तो बन्दा आपको लिखेगा या फिर आपका कन्टेन्ट अपनी साइट से हटा लेगा।
इस पूरे लेख को अंग्रेजी मे पढने के लिए यहाँ पर देखें।
कापीराइट उल्लंघन सम्बंधित संदर्भ स्त्रोतों का पता
Google – Digital Millennium Copyright Act
Darren Rowse
US Copyright Office
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