ब्लॉग में क्या लिखें?

आजकल जैसा कि हिन्दी चिट्ठाकारी मे एक सूखा/अकाल पड़ा हुआ है। कुछ इसलिये नही लिख रहे है कि टाइम नही मिलता, कुछ इसलिये नही लिख रहे कि कोई टिप्पणी नही करता और कुछ इसलिये नही लिख रहे है कि लोगो ने टिप्पणी करके आलोचना की। अब किसी को कितना समझाया जाय कि ब्लॉग कोई साहित्य नही है, जो इत्ता परेशान हुआ जाय। बस मन की भड़ास है, निकाल दो। जितना जल्दी निकालोगे उतना जल्दी चैन आयेगा। अब जरा बात की जाय सीरीयस ब्लॉगिंग की। कई ब्लॉगर (मुझे ब्लॉगर शब्द पसंद है, चिट्ठाकार थोड़ा लम्बा पड़ जाता है) इसलिये नही लिखते कि उनको मनमाफ़िक विषय नही लिखते। बोलते है, क्या लिखे कोई नया समाचार ही नही दिखता। अब भई आपके लिये नये समाचार जुगाड़ करने के लिये हम कोई क्राइम तो करने से रहे। बस इतना कर सकते है कि आपको सलाह दे सकते है कि क्या क्या लिखा जा सकता है।

तो जनाब पेश है टाप १५ ब्लॉग लेखन आइडिया या कहें तो टाप १५ किलरवा पोस्ट आइडिया:

१. कैसे करें? हर बन्दे मे कोई ना कोई खास बात जरुर होती है, कोई कम्प्यूटर गुरु होता है कोई साइकिल मैकेनिक तो कोई अच्छा खानसामा। कामन बात ये होती है कि तीनो ब्लॉगिंग करते है। तो भैया अपने अपने धन्धे के कुछ गुर ही लिख दो। हाँ ये जरुर ध्यान रखना कि आपके पेट पर लात ना पड़े।कुछ विषय हो सकते है ” बिल गेट की बिल्ली कैसे चोरी करें?” या “अपनी साइकिल का टायर कैसे बदलें?” या फ़िर जली दाल मे तड़का कैसे लगायें? वगैरहा वगैरहा। और कुछ नही तो टिप्स ही लिख डालिये।उदाहरण ये रहा

२. लिस्ट बनायें : अपने पूरे/अधूरे कामों की, खरीदे/बेचे सामानों की, मिली खुशियों की, छायी चिन्ताओं,सुख,दुख,राग,द्वेष,दोस्त दुशमन सबकी लिस्ट बनाये।और दूसरों से उसमे सलाह ले लें। कोई सही देगा, कोई गलत और कोई नही देगा, लेकिन आपकी भड़ास तो निकली ना। उदाहरण ये रहा

३.विज्ञापन करें: अगर आपको किसी की वैबसाइट, ब्लॉग, किताब,लेख या कुछ भी पसन्द आया तो उसके समर्थन मे ही एक ब्लॉग लिख डालें।कोई जरुरी नही दुसरे आप से सहमत हो….सहमत हो तो ठीक नही..तो आपके घर से क्या गया? है कि नही। उदाहरण ये रहा

४. साक्षात्कार: आपके गाँव, कस्बे,शहर मे कोई महान हस्ती पधारी हो। आपको उनसे मिलने की बहुत इच्छा हो, और पुलिस वाला आपको उनके आसपास फ़टकने नही दे रहा हो, बस उस हस्ती के कान तक बात पहुँचा दो कि अमरीका की ब्लागस्पाट कम्पनी की तरफ़ से इन्टरव्यू लेने आये है। फ़िर देखना चाय के साथ समौसे ना मिले तो कहना। बड़े लोगों मे इन्टरव्यू देने की एक खास बीमारी होती है जो पत्रकारों को देखकर और बढती है। बस आप कुर्ता पजामा डालकर, झोला बगल मे लटका कर, अगर कोई कैमरा हो तो उसे साफ़ सूफ़ करके निकल लीजिये साक्षात्कार लेने। बस फ़िर उसे चाँप दीजिये अपने ब्लॉग पर। कोई पढे ना पढे, आपको चाय समौसा तो मिला। है कि नही? उदाहरण के लिये यहाँ का इन्टरव्यू झेला जाय।

५.रिव्यू/अवलोकन: अगर आप भारतीय है तो फ़िल्मे तो देखते ही होंगे। चांप डालिये किसी फ़िल्म का रिव्यू। अगर निर्माता ने आपकी १०० रुपये का खून किया है तो आप भी उसके खिलाफ़ आग उगलिये। और अगर हिरोइन के आइटम डान्स ने बाबूराव का मन जीत लिया है तो लिख डालिये प्यार के दो बोल। क्या कहा? फ़िल्मे नही देखते….ओह हो…..मिर्ची सेठ को बहुत दुख होगा...खैर किताब तो पढते ही होंगे उसका रिव्यू…क्या कहा? वो भी नही…अच्छा संगीत?…वो भी नही…..अबे फ़िर यहाँ क्या कर रहा है, जा जाकर रजाई मे मुँह ओढकर सो। चले आते है खांमखा मे। लेना एक ना देना दो…।अरे अरे..आपको नही बोला….आप तो हमारे पाठक हो, आप चले जाओगे तो ब्लाग कौन पढेगा।आप तो अगला आइडिया पढो।

६.पिछली यादें : पिछ्ली यादें ही छाप दीजिये या फ़िर कोई केस स्टडी ही छाप दीजिये…जैसे कल्लू पहलवान की बीबी कैसे भागी? या फ़िर करीना का आजकल किससे चक्कर चल रहा है। या फ़िर रातो रात अमीर कैसे बनें। कोई जरुरी नही आपने ये केस स्टडी की हो, बस कंही से चाँप दीजिये। लिखने मे आप का क्या जाता है, कोई अमीर बना तो लौट कर नही आयेगा और नही बना, तो भी उसके पास लौटने और सर्फ़ करने के पैसे नही बचेंगे। आप तो दोनो तरफ़ से फ़ायदे मे ही हो। उदाहरण ये रहा

७.अनुसंधान का परिणाम : किसी भी अनुसंधान का परिणाम छाप दीजिये। जैसे मेरे ब्लाग पर कितने कितने लोग आते है। रोजना कौन कौन सा ब्लॉगर लिखता है वगैरहा वगैरहा। परिणाम की परवाह मत करियेगा। किसी भी तरह की प्रतिक्रियाओं से मत डरियेगा, कौन सा आपने किया है,जिसने किया वो गालियां झेले, आप तो बस फ़ारवर्ड करने वाले हो। है कि नही? अब जल्दी से यहाँ सेम्पल देख लीजिये।

८.नयी चीजों के बारे में : कुछ भी नया दिखे, चाँप दो, अब वो किसी के मतलब का है कि नही उसकी चिन्ता करने बैठोगे तो लिख नही पाओगे। अब शहर मे नया सर्कस लगा हो, या फ़िर गूगल का कोई नया शगूफ़ा। लिखने से डरो मत।अगर ज्यादा डर लग रहा है तो पूर्वावलोकन/प्रथमावलोकन शब्द का प्रयोग करो। बाद मे कोई फैल जाय तो बोलना, मैने तो पहले ही कहा था पूर्वावलोकन/प्रथमावलोकन, किसी की मजाल है जो कुछ कह सके, अंग्रेजो ने शब्द ही ऐसे बनाये है, कोई पंगा ना ले सके। सैम्पल ये रहा। अगर पक्का ना भी हो तो अफ़वाहे ही उड़ा दो।

९.आक्रमण: ये सबसे सही तरीका होता है और वैब ट्रेफ़िक भी बहुत आता है, किसी भी घटना/ब्लॉग लेख/संस्थान की आलोचना करो, जोरदार शब्दों मे। बस सभी लोग जूतालात लेकर आपके ब्लॉग पर आ जायेंगे। बस आप आराम से अपने पैर पसार कर बैठ जाओ। और आप रातो रात मशहूर हो जायेंगे। यहाँ तक कि होनोलुलू मे मिस्टर टिम्बक्टू भी अपने ब्लॉग मे आपको गालियाँ देगा। लेकिन आपका क्या गया? कुछ नही… वैब ट्रेफ़िक तो आया, ट्रैफ़िक आयेगा तो गूगल भी पीछे पीछे आयेगा। बोलेगा, Adwords ले लो। बैठे बिठाये मशहूर हो जाओगे। उदाहरण तो कई है।

१०. पाठकों से पूछो: अब आपके दिमाग मे कई सवाल है, तो चुप मत बैठो….दाग दो…कोई ना कोई तो जवाब दे ही देगा। एक बार पढने आयेगा, दूसरी बार जवाब देने। ऐसे मे लोगों को एक से बढकर एक जवाब देने मे बहुत मजा आता है। सवाल कई तरह के हो सकते है जैसे…. कल्लू धोबी का गधा बीस दिनो से बीमार है, डाक्टरों ने जवाब दे दिया है, है कोई ईलाज? या फ़िर मै घर से बेघर हो गया हूँ, नया ठिकाना कहाँ बनाऊ? वगैरहा वगैरहा।

११. समाचार विचार: कुछ लिखने को नही है, बस बीबीसी हिन्दी खोलो, जो सबसे चटपटा समाचार लगे, उसे पहले अपने ब्लाग पर कट पेस्ट करो, फ़िर उस पर अपने विचार लिख दो। लेकिन समाचार बांसी ना हो, नही तो लोग फ़टकेंगे भी नही। अंग्रेजी के चिट्ठाकार तो पूरे पूरे पैराग्राफ़ कट पेस्ट कर देते है, आप थोड़ा सा लिहाज करना।अंग्रेजी ब्लॉगर अपनी टिप्पणी और गाली गलौच टिप्पणी सैक्शन मे कर सकते है।

१२. आत्मकथा: कोई आपकी बात नही सुनता, कोई बात नही, आप अपनी आत्मकथा लिख डालिये। दो चार पन्ने लिखेंगे तो लोग झक मारकर गालियाँ देते हुए भी पढ ही लेंगे। नही भी पढेंगे तो आपका क्या गया? लेकिन ध्यान रखना, अपने प्यार व्यार की बाते संभालकर लिखियेगा नही तो घर पर बेलन वगैरहा का इन्तजाम है। ये मत सोचियेगा श्रीमती जी ब्लॉग नही पढती, यहाँ तो देवरों द्वारा टेलीफ़ोन से ब्लॉग पढकर सुनाया जाता है। फ़िर मत कहना पहले आगाह नही किया था।

१३. कवितायें/शेरो शायरी : यदि आप कविता/शायरी लिखते हो और और सुनने के टाइम आपके सारे दोस्त भाग जाते है तो घबराइये नही, ब्लॉग पर छाप डालिये।कोई जरुरी नही आपकी अपनी कविता हो किसी भी शायर(ध्यान रखना, परलोक सिधारे हुए) का कलाम उठाकर चैंप दो। कोई बुरा नही मानेगा, मान भी लेगा तो ऊपर ही हिसाब किताब क्लियर करेगा, अभी तो कुछ नही बोलेगा। कोई उर्दू के शब्दों का अर्थ पूछे तो रमण भाई की तरफ़ इशारा कर दो। फ़िर वो जाने और सवाल पूछने वाला, वो उसे गज़ल की परिभाषा पढाये बिना जाने नही देंगे, ये तो पक्का है।

१४. जीवनी और निबन्ध: किसी पर भी जीवनी लिख डालो, हिम्मत है तो जिन्दा पर लिखो, और नही है तो स्वर्गवासी पर भी चलेगा। लेकिन एक बात जरुर ध्यान रखना विवरण सही हो। नही तो बहुत गालियाँ पड़ेंगी।

१५. चुटकले : जब कुछ ना समझ मे आये तो चुटकले ही छाप दो, अंग्रेजी मे तो बहुत जगह होते है, अनुवाद करके चिपका दो, किसी को पता नही चलेगा। लोग पढकर हँसे तो ठीक, नही तो आपका क्या जाता है। आपने तो उन्हे हँसाने के पूरे पूरे प्रयत्न किये।

तो जनाब इतने सारे आप्शन है आपके पास, फ़िर भी आप नही लिखते तो मै क्या कर सकता हूँ।

इस लेख की प्रेरणा (सही बोले तो टोपो आइडिया) यहाँ से मिला।

10 responses to “ब्लॉग में क्या लिखें?”

  1. मिर्ची सेठ Avatar

    जीतू भैया क्या आयडिया दिए हो लगता है कि अपने ब्लॉगजीवन की सारी की सारी पूंजी यहीँ पर लुटा दी। पर क्या मजा है कि जितनी बांटगो उतनी बढ़ेगी।

    मिर्ची सेठ

  2. अनूप शुक्ला Avatar

    ये सब तो ठीक है। समस्या तो बाबू लिखने की नहीं है। लिख तो लोग रहे ही हैं। लोग पढ़ नहीं रहे हैं। पढ़ भी रहे हैं तो तारीफ नहीं कर रहे हैं।तुमने सबसे ज्यादा इस विधा पर दण्ड पेली है लेकिन हालत में सुधार नहीं आया है। अभी भी तुमको हाथ पकड़ के कमेंट लिखवाना पड़ रहा है।है कि नहीं? बता रहे हैं (आनलाइन हैं)अवस्थी कि जीतू बोल रहे हैं कि कमेंट करो तब जाने दूंगा नेट से। वैसे पोस्ट बढ़िया है। बधाई।

  3. indra awasthi Avatar
    indra awasthi

    जीतू भाई, झाडे रहो कलट्टरगंज!

    एकदम ब्लागिंग फार डमी’ज लिख डाली है!

    वैसे तुम्हारा फंडा भी सही है – यही लिख दिया कि ब्लागिंग कैसे करें!

    धन्य प्रभू वाह!

  4. कन्हैया रस्तागी Avatar

    वाह जीतू भैया आपने तो सारे राज ही खोल डाले। बहुत अच्छा है।

  5. pratyaksha Avatar
    pratyaksha

    सारे राज़ एक ही बार में खोल दिये. किश्तों में करते .हर किश्त पर टिप्पणी आ जाती. 🙂
    इसको आगे भी बढाइये, स्कोप और भी हैं. अच्छा लिखा.
    प्रत्यक्षा

  6. Anunad Singh Avatar
    Anunad Singh

    जितेन्दर चौधरी : जागते रहो ! जागते रहो !

  7. रजनीश मंगला Avatar
    रजनीश मंगला

    जीतू जी, आपकी पोस्ट चैन से पढ़ूंगा। मैं भी ज़रा डर गया था ब्लागिंग से। लेकिन मैं फिर आऊंगा। पिछले दिनों काम तथा ग्रिह्स्थी की वजह से भी व्यस्त था। लेकिन एक बात समझ नहीं आती। आप लोग इतना सब क्या कंम्प्यूटर स्क्रीन पे ही पढ़ लेते हैं? और कामेंट भी दे देते हैं। मुझे तो इतनी देर तक आंखें गाड़ने में दिक्कत होती है। वैसे मैं धीरे धीरे पुराने ब्लौग पढ़ रहा हूं। माना ब्लौग साहित्य नहीं है लेकिन हिन्दी को पुनर्जीवित करने की सम्रथा शायद ब्लागियों में ज़्यादा है क्योंकि वे तकनीकी जानकारी भी रखते हैं। और भारत से बाहर रहने वाले लगभग तमाम लोग तकनीकी काम करते हैं लेकिन हिन्दी को घास नहीं डालते। इसीलिए जब तमाम तकनीकी पढ़ाई हिन्दी में उपलब्ध हो जाएगी, तब जना खना काफ़ी कुछ सीख सकेगा और इन लोगों के होश ठिकाने आएंगे। इसीलिए ब्लागियों को थोड़ा तकनीकी किताबें लिखने जैसा सीरियस काम भी करना चाहिए।

  8. अनाम Avatar

    बहुत अच्छा किया आपने यह लेख लिख कर। मैं बहुत प्रेरित हुआ लिखने के लिए। धन्यवाद।

  9. रजनीश मंगला Avatar
    रजनीश मंगला

    बहुत बढ़िया लिखा है। एकदम बिंदास। हम तो follow करेंगे।

  10. विजय वडनेरे Avatar

    वा’ जीतू भिया,

    में तो के रिया हूँ कि जे बिलागिंग विलागिंग की अगर कोई कम्पनी बिम्पनी होगी ना, तो मेरे खियाल से आपईच्च को मनीजर रखेंगे। सच्ची।

    बिलकूल मनीजर छाप केते होन्गे आप्। जे कल्लो, बो कल्लो, एसा कल्लो, बेसा कल्लो।

    पन सच्ची आपका लिखा पढ के तो मजाईच्च आ जाता हेगा।
    भोत सई!! जाने की- भोतईच्च सई!!

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