हमारा उद्देश्य तो पाठकों को पकड़ पकड़ कर ब्लॉग पढवाना होना चाहिये, इस पर तो मै पहले ही बता चुका हूँ।ब्लॉगर के जीवन चक्र पर भी चर्चा कर चुके है। अपने ब्लॉग मे क्या क्या लिखना चाहिए वो भी बता चुका हूँ। टिप्पणी के महत्व पर भी सन्तो ने अपनी राय दी है।आइये अब इसका उल्टा ज्ञान समझें। पाठकों को अपने ब्लॉग/साइट से दूर कैसे रखें? या उनको अपनी साइट पर ऐसा झिलवाना कि दोबारा ना आ सके। ये लेख लिखा क्यों जा रहा है? अरे भई नकारात्मक सोच मे भी कुछ सकारात्मक सोच छिपी रहती है। वो कैसे? मान लीजिये आप अपने ब्लॉग पर ताला लगाये बैठे है, बिना टीपबाजी किए लेख नही लिखते।फिर भी लोग बार बार आपके ब्लॉग पर आते है, टिप्पणी करते है, दोबारा लिखने के लिये उकसाते है। इसकी सजा तो आप पाठकों को देना ही चाहेंगे ना। अतुल भाई, प्वाइन्ट नोट किया जाए। जो जनाब पेश है ब्लॉग पर पाठकों को कैसे पकाएं। प्रबुद्द जन इसे इस तरह पढें, अपने ब्लॉग/साइट पर क्या क्या ना करें।
बैकग्राउन्ड म्यूजिक
ब्लॉग/साइट के लोड होते ही, आप बैकग्राउन्ड में म्यूजिक चला दें, कोई भी चलेगा, जितना ज्यादा पकाऊ, उतना अच्छा। कोई भूला बिसरा लोकसंगीत बहुत असरदार होगा। कोशिश करियेगा कि आवाज जितनी ज्यादा कर्कश हो, उतना अच्छा। पाठक एक बार तो झेलेगा अगली बार भूल कर भी नही आयेगा, यदि आयेगा तो अपने स्पीकर बेच बाचकर।उसके बाद भी यदि लौटता है तो? आगे पढिए ना।
पॉप-अप
कोई पॉप-अप दिखाइये ना। बस कोई छोटा सा पेज बनाइये, और उसे पॉप-अप मे लगा दीजिये, भले कल्लू हलवाई के यहाँ सेल लगी हो, बस आपने तो पॉप-अप दिखाकर उसे पकाना है। लेकिन ध्यान रहे, आजकल बहुत सारे ब्राउजर मे पॉप-अप को रोकने का जुगाड़ रहता है, इसका भी इलाज है, आगे पढिए।
पॉप-अन्डर
जैसे ही पाठक आपकी साइट छोड़े, आप उसे जबरदस्ती दूसरी साइट पर ले जाएं, खींचकर। किसी और की नही तो मेरी ही साइट पर भेज दीजियेगा। फिर आप और हम दोनो साइट बन्द करके हरि भजन को हरिद्वार चलेंगे। ओके?
राइट क्लिक को बैन कर दीजिए
राइट क्लिक वाला आप्शन ही डिसेबल कर दीजिये।बन्दे के मूल अधिकार छीन लीजिये, वो भूलकर भी आपकी साइट पर नही आयेगा।
स्लो लोडिंग बड़ी बड़ी फोटो लगाइये
बहुत ही हाई रिसाल्यूशन की फोटो लगाइये, जो लोड होने मे टाइम लगाएं। बन्दा इन्तजार करे। उसके बाद भी यदि वो इन्तजार करके आपका ब्लॉग पढता है यकीन मानिये बहुत धैर्यवान बन्दा होगा, शायद कोई ब्लॉगर ही होगा।
अजीब से फोन्ट प्रयोग कीजिये
ये तरीका भी कारगर होता है, अपनी सारी कारीगरी फोन्ट मे दिखा दीजिये। जितने भी कलाकारी वाले फोन्ट हों सब एक ही पैराग्राफ मे लगा दीजिये, फोन्ट साइज के साथ भी खिलवाड़ कीजिए, कंही ना कंही तो बन्दे को गुस्सा आयेगा और वो साइट से भागेगा। और हाँ फोन्ट डाउनलोड वाला ग्राफिक लगाना मत भूलियेगा, और फिर डाउनलोड वाले लिंक मे कम से कम २० एमबी का डाउनलोड होना चाहिये जिसमे १५ एमबी तो ये समझाने के लिये होना चाहिये कि इस फोन्ट को कैसे इन्स्टाल करें।
भयंकर कलर स्कीम लगाइये
अपने रंगो पर सारे प्रयोग कर डालिये। कोई भी चीज मत छोडियेगा, आपकी साइट और ईद की मिठाइयों मे फर्क नही दिखना चाहिये। बैकग्राउन्ड काला रखियेगा, बहुत सारी चीजें ब्लिंक करवाते रहियेगा, बस बन्दा भागता नजर आयेगा।
रीडिंग एग्रीमेन्ट
पाठक से रीडिंग एग्रीमेन्ट पर क्लिक कराइये, आपको मसौदा ना मिले तो बिल्लू की साइट पर जाइयेगा, वहाँ आपको तरह तरह के एग्रीमेन्ट के मसौदे मिल जायेंगे। एक के बाद एक, बन्दे से एप्रूव करवाइये, अन्त मे साइट पर ले जाने के बजाए, कहियेगा, कि साइट मैन्टीनेन्स मे है, आनलाइन होते ही आपको बता दिया जायेगा।
विज्ञापन दिखाइये
अपनी साइट के जर्रे जर्रे को बेच खाइए। विज्ञापन कम्पनियां एक एक इन्च/पिक्सेल तक मे विज्ञापन डाल दें। सारी हदें पार कर जाइये।ऐसा होना चाहिये कि पाठक को विज्ञापनों के बीच आपका कन्टेन्ट ढूंढने मे बहुत दिक्कत आए।
प्लग-इन डाउनलोड करवाइये
कुछ भी दिखाने के लिये तरह तरह के प्लग-इन प्रयोग करिए, बन्दा कभी ना कभी तो प्लग-इन डाउनलोड करते करते थकेगा।
खानदानी जानकारी लीजिये
पाठक से खानदानी जानकारी लीजिये, माता,पिता, मोहल्ला,शहर, देश, पिन, ज़िप, सभी कुछ। और हाँ उसे छिटकाने के लिये क्रेडिट कार्ड और बैंक का पिन लेना मत भूलियेगा। और पकाना हो तो उल्टे सीधे वैब कन्ट्रोल प्रयोग करिये, जैसे नाम के लिये टैक्स्टबाक्स छोटा दीजिये। सैक्स के लिये मेल फीमेल के रेडियो की जगह चैक बाक्स दीजिये या फिर टेक्स्टएरिया दीजिये। पाठक कन्फ़ूज रहे, कि क्या भरना है, सारी फील्ड जरुरी रखिये।बस बन्दा भूलकर भी आपकी साइट पर दोबारा नही आयेगा।
वाहियात नेवीगेशन रखिये
बन्दा अपने आप अगले पन्ने पर ना जा सके, उसके लिये कोई आप्शन क्लिक करना पड़े, वहाँ उसे दो चार चैकबाक्स या रेडियो बटन क्लिक करने जरुरी होने चाहिए। तभी तो वो पकेगा।
बिल्लू के भक्त बनिये
पाठक को मजबूर करिये कि वो बिल्लू का ब्राउजर प्रयोग करें और उसको बोलिए लेटेस्ट वर्जन सपोर्टेड नही है, पुराना वो कहाँ से ढूंढेगा? जब बिल्लू को ही नही याद कि वो हफ्ते मे कितने सिक्योरिटी पैच पब्लिश करता है तो पाठक बेचारे को क्या पता होगा।
टोपो आइडिया यहाँ से लिया गया था, आप खुद ही देख लीजिये, हमने ज्यादा कापी नही मारी। शुकुल जी, आप सुन रहे हैं ना?
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