इस वर्ष की शुरुवात या कहें २००५ का अन्त मेरे लिये अच्छा साबित नही हुआ।विगत २४ दिसम्बर को मेरे पिताजी का कानपुर(उ.प्र.) मे देहान्त हो गया, वे ७५ वर्ष के थे। मै तुरन्त कुवैत से कानपुर के लिये रवाना हो गया था, लेकिन २५ दिसम्बर की रात तक ही कानपुर पहुँच सका। घर मे सबसे छोटा होने के कारण मै सबका लाडला हूँ। पिताजी का मुझसे विशेष स्नेह था। किसी भी व्यक्ति के जीवन का यह सबसे गम्भीर क्षण होता है जब उसके सर से मां बाप का साया उठता है। मै ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि भगवान उनकी पुण्य आत्मा को शान्ति प्रदान करें।आप सभी साथियों के शोक सांत्वना सन्देशों के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
पिताजी के देहान्त से मै अत्यन्त ही दु:खी हूँ, अभी तक मै इस सदमे से उबर नही पाया हूँ, इसलिये लेखन का कार्य कुछ दिन स्थगित रह सकता है।आशा है आप सभी इस बात को समझेंगे और पूरा पूरा सहयोग करेंगे।
Leave a Reply to sur Cancel reply