कल शाम यानि २९ अक्टूबर,२००५ शाम साढे पाँच बजे , दिल्ली बम के धमाको से दहल उठी। इस बार के ये धमाके तीन स्थानो, पहाड़गंज, सरोजनी नगर और गोबिन्द पुरी मे हुए है। ये तो पक्का है कि ये आतंकवादी हरकत है, अभी तक किसी ने इनकी जिम्मेदारी नही ली है। लेकिन शक की सुई लश्करे तय्यैबा और अल कायदा नेटवर्क पर जा रहा है। अभी तक इन धमाकों मे ६१ लोगों के मरने की ख़बर है। लेकिन ये संख्या मिनट दर मिनट बढ रही है।
धमाको लगभग एक ही समय, तीन स्थानों पर एक साथ हुए है। ये बहुत ही सुनियोजित और अच्छी तरह से संचालित आतंकवादी घटना है। इस तरह की घटनाओं को अन्जाम देने की महारत सिर्फ़ कुछ ही आतंकवादी संगठनो को है, जिसमे अल कायदा, लिट्टे और लश्करे तय्यैबा प्रमुख है। आतंकियो ने समय भी बहुत सही चुना है, दीवाली के मौके पर बाजारों मे खरीदारी के लिये बहुत ही भारी भीड़ रहती है। इसी भीड़ को इसका निशाना बनाया गया है। साथ ही ईद भी आने वाली है, इसके मद्देनजर माहौल को बिगाड़ने की मंशा भी साफ़ दिखती है। अब सरकार कुछ दिखाने के लिये इधर उधर छापे मार रही है। हैरानी वाली बात तो ये है कि खुफ़िया विभाग को इस हादसे का कोई अन्देशा नही था, ये तो खुफ़िया तंत्र की बहुत बड़ी चूक है। ऊपर से अब बड़बोले गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जैसवाल कह रहे है कि हम उन्हे ४८ घंटो मे ढूंढ निकालेंगे। जैसे कि आतंकवादी उनके इन्तज़ार मे बैठे हुए है। ऐसे वक्त मे पूरा ध्यान आतंकवादियों के नेटवर्क को ढूंढने मे लगाना चाहिये ना कि बेकार की बयानबाजी में। आपका क्या कहना है इस बारे में।
Leave a Reply to kali Cancel reply