जुगाड़ू इस्तेमाल


क्या आपको पता है भारत मे जनसंख्या नियन्त्रण क्यों नही हो पा रहा है?
जनसंख्या नियन्त्रण पर लाखो करोड़ों कहाँ जा रहे है?

सवाल तो बहुत सीधा साधा है, लेकिन जवाब बहुत कठिन है. सरकार कहती है हमने बहुत कुछ किया, लोगों को जागरूक किया, लोगों को पकड़ पकड़ कर नसबन्दी भी करवायी, उनको प्रोत्साहन दिया, मुफ्त मे कन्डोम बाँटे वगैरहा……

condom मुफ्त मे कन्डोम बाँटे?….यही तो है हमारी स्टोरी. भारत सरकार का परिवार कल्याण मन्त्रालय इस बात से खुश होता है कि उन्होने लाखो, करोड़ों कन्डोम मुफ्त बाँटे है, जिससे जनसंख्या पर निश्चय ही नियन्त्रण होगा, लेकिन क्या आपको पता है इन कन्डोम्स का कैसा कैसा प्रयोग होता है? निश्चय ही परिवार नियोजन के अलावा…….. वाराणसी मे बुनकर इन कन्डोम्स का प्रयोग अपने हथकरघा मे करते है, ताकि कन्डोम पर लगी चिकनाई से अपने करघे को साफ कर सकें. चिकनाई होने के कारण,करघा पर धागे बहुत सहजता से चलते है. एक समय मे तो वाराणसी मे कन्डोम का प्रयोग देश मे सबसे ज्यादा था. प्रदेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रही थी कि उनके प्रदेश मे सबसे ज्यादा लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक है, ना जाने कितने परिवार नियोजन अधिकारियों की तो लाइफ बन गयी होगी.सरकार भी बजट पर बजट आवन्टित करती जा रही थी.उन्हे क्या पता था कि परिवार नियोजन की जगह हथकरघा प्रयोजन हो रहा है.

अब ऐसा नही है कि हम भारतीय ही सिर्फ जुगाड़ू कौम है, जैसा कि सबको पता है दुनिया मे एड्स अफ्रीका मे बहुत ज्यादा फैला है, सो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उनके लिये अरबो कन्डोमों की मुफ्त खैप भेजी, अब देखिये उनका प्रयोग……….अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे एक कदम और आगे निकल चुका है, वे लोग कन्डोम से चूड़ियाँ बनाते है, जाहिर है जब कच्चा माल फ्री का है तो उत्पादन लागत भी बहुत कम होगी. लोगो ने तो इसे धन्धा बना लिया है.है ना मजेदार बात……अब फिर वापस भारत की और लौटते है, बीबीसी के एक समाचार के मुताबिक भारत मे कन्डोम से साड़ियां भी बनायी जाती है. इसके अतिरिक्त कन्डोम का प्रयोग गुब्बारे बनाने और लारी ड्राइवरो द्वारा तेल का लीकेज रोकने के लिये भी प्रयोग किया जाता है.

कहने का मतलब है कि भारत मे मुफ्त मे बाँटे जाने वाले एक अरब कन्डोम के एक तिहाई हिस्से का प्रयोग उस काम के लिये नही किया जाता जिसके लिये वे बने है. कुछ भी हो मानना पड़ेगा कि भारतीय लोगो मे बहुत ही क्रियेटिविटी है और जनसंख्या नियन्त्रण, किसे चिन्ता है?

10 responses to “जुगाड़ू इस्तेमाल”

  1. रवि Avatar
    रवि

    हे .. हे .. हे.. क्या बात बताई है आपने. सही है. जनसंख्या क्या ख़ाक नियंत्रित होगी.

    आज ही आपका तैयार किया सर्वर साइड ब्लॉग एग्रीगेटर फ़ीड देखा. भाई, आपने भी कमाल का काम किया है. अब इसका भी एक आरएसएस फीड नहीं बना सकते क्या?

  2. जीतू Avatar

    अरे रवि भाई,
    मै इतना महान नही हूँ,
    मै तो “मुफ्त का चन्दन घिस रघुनन्दन” वाला बन्दा हूँ.
    ब्लाग एग्रीगेटर पर अभी काम बन्द कर रखा है, इसका पूरा का पूरा इन्टरफेस बदलना पड़ेगा, डाटाबेस मे तो बदलाव कर दिया है, लेकिन अभी भी फ्रन्टएन्ड पर काम बाकी है.

    हाँ एक और बात, पंकज भाई के को भी अवश्य देख लीजियेगा उनका एड्रैस है

    http://www.akshargram.com/narad

  3. Vipin Srivastava Avatar

    जीतू भाई

    आपका चिट्ठा पढ कर अपना ब्लोग शुरु करने कि प्रेरणा मिलि है.

    आज ही शुरु किया है.

    मार्गदर्शन कि जरुरत पड़ सकती है

  4. रवि Avatar
    रवि

    जीतू भाई,
    जरा इस लिंक को देखें:

    http://hindini.com/ravi/?p=30

    कहिए, कैसी रही?

    लगता है वे आपके ब्लॉग के मुरीद हैं … 🙂

  5. […] ३७ साल की उमर में जवानी खो चुके से पीछा छुटा चुके जीतेन्द्र गर्भ निरोधक उपायों के जुगाडू इस्तेमाल में लगे रहते हैं. […]

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  7. Mobile Phone Cover

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  8. arun Avatar

    अनूप भाइ जीतू अब भारतीयता को कैसे भूल सकते है,उर आदमी भूलना भी चाहे तो जडे जोर मार ही जाती है.फ्री की चीज,और फिर भी आदमी प्रयोग ना करे…ही ही ही..:)

  9. Isht Deo Sankrityaayan Avatar

    ई मुफ़्त का चंदने घिसने का तो नतीजा है जीतू भाई.

  10. श्रीश शर्मा Avatar

    भारतीय दुनिया भर में Improvisation में अव्वल हैं, धन्य है!

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