इधर गुल्लू मन ही मन सोच रहा था, हाय! हम गोरी चमड़ी वाले क्यों ना हुए। गुल्लू भारी मन से बाहर निकला। जैसे ही वो पंडाल से बाहर निकला, एक मीडिया वाले ने उसे पकड़ लिया और दे दनादन (किस नही बे!) सवालों की बौछार कर दी। लीजिए आप भी झेलिए ये सवाल जवाब।
गतांक से आगे…..
न्यूज चैनल का रिपोर्टर ने अपने बाल ठीक किए, कैमरामैन को आँख मारकर इशारा किया और गुल्लू की तरफ लपका। जब तक गुल्लू कुछ समझता, कैमरा चालू हो चुका था, और रिपोर्टर सवालों के साथ शुरु हो गया
रिपोर्टर : चैनल फुल्ली फालतू के लिए मै रिपोर्टर लपेटू अपने कैमरा मैन पप्पू कंघी के साथ आपको लाइव और एक्सक्लूसिव दिखा रहे है, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की एड्स एवायरनैस वाली सभा। मै आपको बता दूं कि ये प्रोग्राम सिर्फ चैनल फुल्ली फालतू पर आ रहा है, आइए बात करते है सभा मे शामिल हुए ट्रक ड्राइवर से।
रिपोर्टर : आपका नाम? आप क्या करतें है
गुल्लू : गुल्लू, गुलशन बावरा। यार बेहूदा सवाल है, ट्रक ड्राइवरों की सभा थी, वही तो आएंगे, पाइलट थोड़े ही आएंगे। ट्रक चलाता हूँ, दिल्ली मुम्बई हाइवे पर, ‘बत्ती बुझा के’।
(बत्ती बुझा के, गुल्लू का तकिया कलाम है, आप अन्यथा मत लीजिएगा, अगर ले भी लेंगे तो गुल्लू जाने और आप, हमे क्या)
गुल्लू जी आज के कार्यक्रम में आपने क्या सीखा?
“जितना सिखाया उतना तो हमें पहले ही आता था। ‘बत्ती बुझा के’ “
मैं पूछ रहा हूं एच आई वी के बारे में आपको कोई जानकारी मिली?
“वो वी आई पी अच्छा लगा मगर उसकी हरकतें अच्छी नहीं लगीं, जैसी हरकतें कर रहा था, पिट जाता, बत्ती…. “
“नहीं हम पूछ रहे हैं कि आपको एड्स के बारे में जानकारी मिली कुछ?”
“एड मतलब सहायता? भई हम तो सहायता कर देते अगर शिल्पा जी को कोई हर्ज न होता। मुझे तो समझ नहीं आया कि वो स्टाईल मार रहा था या बुढ़ापे के बोझ से गिरा जा रहा था। उसको एड की बहुत जरूरत है बत्ती..।”
“आप लोग जो कई कई दिन घर से बाहर रहते हैं तो आपको संयम रखने के लिये बताया होगा वहां?”
“अरे वो जो अपने घर से दूर आया वो सबके सामने संयम नहीं रख सका तो हमें क्या समझायेगा? बत्ती बुझा के”
“आपको क्या लगता है कि इस तरह के कार्यक्रम एच आई वी की रोकथाम में सहायक होंगे?”
“जरूर सहायक होंगे, लेकिन पहले ऐसे वी आई पी की रोकथाम की जानी चाहिए। आप खुद बताओ कि सारे हिंदूस्तानी मर गये थे जो इस अंग्रेज को बुलाया? अगले कार्यक्रम में किसी ट्रक ड्राईवर को ही बुलाया जाना चाहिये क्योंकि यह प्रोग्राम हमारे लिये ही किया गया था। अगली बार किसी अंग्रेज को बुलाया तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे। हमारी एसोशिएशन का भी यही मानना है। बत्ती…”
प्रोग्राम के आयोजकों से कुछ कहना चाहेंगे?
यही कहना चाहेंगे कि जो दिखाओ पूरा दिखाओ, ये क्या कि बॉलीवुड फिल्मों की तरह लोगों पहले जोश दिलाते हो फिर उनके इमोशन्स के साथ धोखाधड़ी करते हो। इतना अच्छा मूड बना था, इस गोरे ने आधे मे छोड़कर सारा मूड खराब कर दिया।
“क्या आप सरकार से कुछ कहना चाहेंगे?”
“सरकार से तो जी कोई उम्मीद नहीं है, भगवान से कहना चाहेंगे कि अगले जनम में उस अंग्रेज को ट्रक ड्राईवर बनाये और गुल्लू को अंग्रेज। बत्ती बुझा के”
“उससे क्या होगा?”
“ओ जी गुल्लू जो काम एक बार शुरू करता है तो उसे अधूरा नहीं छोड़ता। एक बार दिल्ली से ट्रक स्टार्ट किया तो जाकर जयपुर में ही ब्रेक लगाता है। जो काम वो अंग्रेज पूरा नही कर सका, हमे मौका देते तो हम कर दिखाते। बत्ती बुझा के”
गुल्लू के जवाब से लपेटू रिपोर्टर सकपका गया और चुपचाप दूसरे मुर्गे सॉरी बन्दे को इन्टरव्यू के लिए तलाशने के लिए आगे बढ गया। गुल्लू बेचारा हाथ मे कंडोम का पैकेट लिए, दु:खी मन से ट्रक की तरफ बढ चला।
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