साथियों,
मेरे कई मित्र इस बारे मे जिज्ञासा रखते है कि मेरा पन्ना ने एडसेंस के विज्ञापन क्यों लगाए है। शुरुवात के तीन साल तक हमने कोई एडसेंस विज्ञापन नही लगाए, जबकि मेरा पन्ना के लिए कई बार विज्ञापनदाताओं ने एप्रोच किया था। सबसे पहले तो मै यह स्पष्ट कर दूं कि मेरा पन्ना पर विज्ञापन प्रायोगिक तौर पर लगाए गए है। 31 मार्च, 2008 तक यह प्रयोग चलेगा, उसके बाद हम इसका मूल्यांकन करेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
हमे लगता है कि अब समय आ गया है कि ब्लॉगिंग को एक नयी दिशा दी जाए। जब मैने देखा कि मेरे कई ब्लॉग पोस्ट के फीड को लेकर कई लोग अपनी अपनी साइट पर विज्ञापन द्वारा अच्छी खासी आय कमा रहे थे। तो मैने सोचा, चलो हम भी देख लें कि एक महीने मे कितनी कमाई हो सकती है इस एडसेंस से। इसलिए हमने मेरा पन्ना के विज्ञापन की क्षमताओं को परखने के लिए विज्ञापन दिखाने शुरु किए है। एडसेंस के बारे मे काफी लोग ने जिज्ञासा दिखाई है। उसके बारे मे आपसे निवेदन है कि मेरे और दूसरे चिट्ठाकार साथियों द्वारा लिखे गए लेख जरुर पढ लें। एडसेंस से सम्बंधित विस्तृत लेख मे शीघ्र ही लिखने की कोशिश करूंगा।
- भारतीय लिपियों मे व्यवसायिक ब्लॉगिंग – अमित अग्रवाल
- व्यावसायिक चिट्ठाकारिता – बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्न (रवि रतलामी)
- पेशेगत हिंदी ब्लागवाद से अभी कितना दूर हैं हम??? (मसिजीवी)
- व्यवसायिक ब्लॉगिंग :वर्तमान और भविष्य (ईपंडित)
- हिन्दी ब्लाग नोट छापने की मशीन नहीं है! (धुरविरोधी)
- व्यावसायिक चिट्ठाकारी पर टिप्पणी (रीडर्स कैफ़े)
- हिन्दी ब्लॉगिंग का व्यवसायिक भविष्य (जीतू)
- हिन्दी चिट्ठाकारिता के नवीन आयाम (सृजनशिल्पी)
- ऑनलाइन हिन्दी और चिट्ठाकारिता (सृजनशिल्पी)
- एडसेंस के बारे मे जानकारी (संजय तिवारी)
जब तक आप लोग ऊपर के लेख पढिए और अपना अपना एडसेंस खाता बनाइए, तब तक मै आपके लिए विस्तार से एडसेंस पर लेख लिखता हूँ। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर ऊपर के साथी लेखकों अथवा मुझसे सम्पर्क किया जा सकता है।
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