
शिक्षक दिवस पर आज फिर अपने गुरुओं को याद करके उनका शत शत नमन करता हूँ और उन्हे धन्यवाद करता हूँ कि उन्होने मेरे को इस लायक बनाया कि मै आप लोगों के लिए कुछ लिख सकूं। यदि उन्होने मेरे को अक्षरमाला ही ना सिखायी होती तो यह लेखन कतई सम्भव नही था। शिक्षक दिवस पर यह प्रविष्टि समर्पित है उन सभी शिक्षको कों जो निस्वार्थ अपने शिष्यों को ज्ञान बाँटते रहते है। उनको जीवन मे संघर्ष की प्रेरणा देते है, अच्छे बुरे को पहचानना सिखाते है मेरा पन्ना की तरफ़ से सभी गुरुओ को शत शत नमन।







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