ब्लॉग सम्बंधी सवाल

साथियों,
हिन्दी चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) की गूंज दूर दूर तक पहुँच रही है। मेरे को अपने ईमेल आई है जिसमे एक हिन्दी ब्लॉग शोधार्थी ने मुझे कुछ सवाल भेजे है। जो इस प्रकार है :

  1. क्या ब्लॉग को आनलाइन डायरी कहना ठीक होगा?
  2. ब्लॉग से किसको लाभ है? (हिन्दी के संदर्भ मे ही)
  3. वास्तव मे इसे इतने लोग पढते है?
  4. क्या यह टाइम-पास करने का साधन है?

वैसे तो मै इन सवालों का जवाब स्वयं दे सकता था, लेकिन मै चाहूंगा कि साथी चिट्ठाकार इन सवालों का टिप्पणी मे लिखकर सिलसिलेवार जवाब दें।

क्या आप इन सवालों का जवाब दे सकते है? जवाब कम से कम शब्दों मे लिखें। देखते है किसके जवाब सबसे अच्छे है।

12 responses to “ब्लॉग सम्बंधी सवाल”

  1. नितिन व्यास Avatar

    ये रहे मेरे जवाब –
    1. क्या ब्लॉग को आनलाइन डायरी कहना ठीक होगा?
    नहीं, डायरी लिखने वाले सामान्यत: प्रकाशित नहीं करते । डायरी निजी अनुभवों का लेखा जोखा हो सकती है लेकिन ब्लाग चिठ्ठों पर लेखक अनुभवों के अलावा भी कई विषयों पर लिखते है।
    चिठ्ठो पर पाठकों की टिप्पणीयों से विचारों का आदान-प्रदान भी हो जाता है जोकि डायरी में संभव नहीं है।
    2. ब्लॉग से किसको लाभ है? (हिन्दी के संदर्भ मे ही)
    लेखक, पाठक और गूगल को!!
    3. वास्तव मे इसे इतने लोग पढते है?
    मेरा अनुमान है कि हिन्दी चिठ्ठों को औसतन २०-२५ लोग पढते है और ५-७ लोग टिप्पणी करते हैं।
    4. क्या यह टाइम-पास करने का साधन है?
    हां तथा नही, कईयों के लिये ये टाइम-पास करने का साधन है तो कईयों के लिये मानसिक भडास निकालने का, बाकियों के लिये सृजन का!!

  2. रवि Avatar

    “…देखते है किसके जवाब सबसे अच्छे है।…”

    ऐसे काम नहीं चलेगा. कोई ईनाम विनाम हो तो लिक्खें???

  3. ashish Avatar

    my responses are-

    1. we cant call it online diary as no one likes to make his/her diary public.

    2.blogger, blog reader and offcourse advertisers.

    3. no idea.

    4.depends whether you are serious blogger or time pass blogger.

  4. ashish Avatar

    sorry i could not write it in hindi as i am not familiar with hindi keyboard.

  5. जेम्स Avatar

    अलग अलग तरह के ब्लाग हैं। कभी कभी आनलाइन डायरी कह सकते हैं। कभी कभी एसा नहीं कह सकते हैं। अगर एक ब्लागर अपना जिंदगी के बारे में लिखते हैं–यानी, मैं ने यह किया–तो आनलाइन डायरी लिखते हैं, लेकिन बहुत ब्लाग एसे हैं नहीं।

    मेरे ब्लाग से मुझको लाभ है। मैं अपने विचार के बारे लिए लिख साकता हूं। शायद कुछ लोग मेरा ब्लाग पढते हैं। अगर उनको लाभ है, तो यह भी अच्छी बात हो जायेगी!

    मेरी हिन्दी के लिए माफ कर दिजीये। हिन्दी मेरी मात्री भाषा नहीं है।

  6. नीरज दीवान Avatar

    जेम्स जी आपका स्वागत है. एक अंग्रेज़ होते हुए भी आपने हिन्दी में टिप्पणी की तो देखकर मन हर्षित हो उठा. मेरा धन्यवाद स्वीकार करें. और हिन्दी सीखने के लिए सतत प्रयासशील रहें. हम अब हिन्दी को राष्ट्र की सीमाओं से परे कर चुके हैं. ध्येय यह है कि यह राष्टवाद की सीमाओं से भी परे होकर सभी मुल्क़ों के नागरिकों के बीच दुलारी जाए.. सराही जाए और अपनाई जाए. एक बार फिर सहृदय धन्यवाद.

  7. संजीत त्रिपाठी Avatar

    ब्लॉग, सिर्फ़ आनलाइन डायरी नही है, हां इसे लेखक के विचार संकलन कह सकते है लेकिन यहां पर फ़िर वही बात आती है कि इसमें लेखक अपने विचारों के अलावा दुसरों का लिखा, उनके विचार भी समय समय पर जरुरत के मुताबिक देता रहता है।
    रहा सवाल ब्लॉग से लाभ का तो नितिन भाई ने सही कहा, गूगल के अलावा जो भी कंपनी हिंदी में ब्लॉग लिखने की सुविधा दे रही है उसे लाभ होगा ही।
    ब्लॉग पढ़ने वाले इंटरनेट से जुड़े हिंदी प्रेमी ही हैं( अब यह निलिमा जी के शोध का विषय है कि कितने है ऐसे हिंदी प्रेमी)
    कुछ लोगों के लिए यह टाइम-पास का साधन है और कुछ लोगों के लिए अभिव्यक्ति के एक माध्यम के साथ साथ और लोगो के नज़रिए को जानने का एक जरिया

    * जेम्स जी को साधुवाद

  8. Beji Avatar

    क्या ब्लॉग को आनलाइन डायरी कहना ठीक होगा?
    कुछ लोग इसे इस तरह इस्तेमाल करते हैं किन्तु यह एक ज़रिया है अपनी बात कहने का जहाँ सुनने (पढ़ने) वाले को पूर्ण स्वतंत्रता है कि वह बात कब, कैसे ,कहाँ और कितनी सुने।…..या सुने भी की नहीं। कहने वाले की बात भी अगले दिन तक इतिहास में रजिस्टर हो जाती है।

    ब्लॉग से किसको लाभ है? (हिन्दी के संदर्भ मे ही)

    हिन्दी ब्लौगिंग से सबसे अधिक लाभ हिन्दी को है।
    चूँकी हिन्दी भारत की भाषा है लाभ भारत और भारतीयों का है।

    वास्तव मे इसे इतने लोग पढते है?
    यह अनुमान लगाना गलत होगा । आज की दर से कल का सही अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। अन्तर्जाल में कही बात अमर सी हो जाती है इसलिए इसका असर बहुत आगे भी हो सकता है।

    क्या यह टाइम-पास करने का साधन है?
    यह अलग अलग व्यक्तित्व पर निर्भर है । पर विचार की गति और प्रवाह और प्रतिक्रिया की रफ्तार और सेन्सरशिप के परे होना इसकी खूबी है जिसे अच्छे और बुरे दोनो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

  9. farrukh: copywriter & journalist Avatar

    ब्लोगर पर हिन्दी का फ़ीचर मिलने के बाद मेरी पहली पोस्ट:

    1. Some people’s blogs are online diaries, written like diaries. Others write reviews, poems – there are even video, photo and audio blogs so सारे ब्लोग डायरी नही होते

    2. Blogs give information and also entertain – both are profitable ventures: ब्लोग से लोग पैसे भी कमाते है और शोहरत भी

    3. Popular blogs are read by thousands of people and I have even seen single posts getting up to 1,00,000 hits. My own blog on advertising and marketing (http://farrukh.wordpress.com) is reaching a readership that would put some print publications to shame: ह्ज़ारो लाखो लोग लोकप्रिय ब्लोग्स रोज़ पड्ते है.

    4. Of course, यह इस समय का सबसे साफ़ सुथरा टाइम पास है, और साथ मे चाय और पकौडी हो तो और भी मज़ा आता है 🙂
    (फ़र्रुख)

  10. farrukh: copywriter & journalist Avatar

    एक बात रह गई – I completely agree with Beji that in the context of Hindi blogs, like Beji says: “हिन्दी ब्लौगिंग से सबसे अधिक लाभ हिन्दी को है।” and of course to those who talk, think, feel and dream in Hindi. People like us 🙂

  11. Lavanya Avatar

    जीतु जी,
    आपके प्रश्न सामयिक हैँ – ब्लोग के जरिये कई सारी कविताएँ , आलेख, विवरण, यात्रा -प्रवास
    के बारे मेँ या चित्र , जैसे सुनील जी के छाया चित्रकार से इत्यादी सामग्री पाठक वर्ग तक पहुँच पाई है —
    उ. १) जैसा कि कई टिप्पणीकारोँ का मत है, मैँ भी मानती हूँ कि, “ब्लोग” तेजी से फैलती सँचार पध्धति है जिसका भविष्य मेँ स्वरुप शायद, देश काल व समय की सीमाओँ को भी लाँघ जायेगा – यूँ कहिये कि ये “वैश्विक चौपाल” बनने की क्षमता रखती विधा है –
    ब्लोग अपने आप मेँ डायरी , जरनल, सूचना, अभिव्यक्ति, अनुभूति, अवलोकन,आक्षेप, खोज,
    ” अन्तर्मन” की छवि, यादोँ के काफिले, लिये
    विश्व्यापी आकाश पर तैरता, ब्लोग लेखक का अस्तित्त्व होता है – — उसी से उपजा, उसी की कल्पना को उद्घघाटीत करता पृष्ठ, जिसे रच कर, दुनिय से अपने को ज़ोडते हुए, लेखक,वही करता है जिसे हर युग मेँ हम महुष्य करते आये हैँ – और वह है, आपसी विचारोँ का आदान प्रदान !
    उ.२ ) जो भी हिन्दी को आगामी भविष्य तक ले जाने के इच्छुक हैँ उन सभी के मनसूबोँ का साथी है हिन्दी ब्लोग जगत !

    उ.३ ) पढते तो होँगे कई -कुछ ‘पर्दे’ के पीछे रहकर ही खुश हैँ तो कुछ अपने विचार प्रकट कर देते हैँ – “नारद रखै सब की खबर “– आप बतायेँ — अँकोँ मेँ जो दीखता है, असर उससे अधिक होगा ये मेरा विश्वास है –इस तरह यह दूरगामी प्रत्याघातोँ की क्षमता लिये अन्य सँचार माध्यमोँ की तरह, आम जीवन का हिस्सा है –

    उ.४) टाइम पास तो है ही , साथ साथ,बहुत बडा फलक भी सामने है, जो सोचने पर , कुछ नया करने को भी प्रेरित करता है
    – जो गहरी सँभावनाएँ लिये हुए है – हिन्दी बोलने वाला हर व्यक्ति, किसी भी भौगोलिक बँधन से आजाद रहते हुए,अपनी बात , दूसरे तक पहुँचा सकता है , लड सकता है 🙂
    या फिर, सहमत हो सकता है और खुद को इक प्रकार से परिवर्धित भी करता है —

  12. अनजान Avatar

    हिन्दी ब्लॉग व ब्लागिंग अब आसमान की उंचाईयों को छु रहा है। आप हम दोस्त, भाई, बहन सभी यहीं तो है। हिन्दी ब्लॉग के एक शोधार्थी ने जीतु जी को कुछ सवाल भेजे थे । इन सवालों के जवाब मेरे अपने नजरिये से इस प्रकार होंगे ।

    हिन्दी ब्लागिंग से सबंधित सवाल जवाबः-
    सवालः क्या ब्लॉग को आनलाइन डायरी कहना ठीक होगा?
    जवाबः हां, पर यदि यह रोजाना लिखा जाए व एक डायरी की सूरत में लिखा जाए तो ।
    सवालः ब्लॉग से किसको लाभ है?
    जवाबः ब्लाग लिखने वाले को, इससे ब्लागर की कुछ भी बात को लोगों के बीव प्रेषित करने की योग्यता का विकास होता है, जल्द ही हिन्दी में एडसेन्स भी शुरु होगा तो हो सकता है यह हिन्दी ब्लाग भी लेखक की कमाई का एक जरिया बने । और फायदा है, हर किसी को जो की उस विशेष प्रकार की सुचना की तलाश में है। आखिर अपने अनुभवों का किसी को तो फायदा मिले।
    सवालः वास्तव मे इसे इतने लोग पढते है?
    जवाबः वास्तव मे हिन्दी के ब्लाग्स को देश विदेश के काफी लोग पढ़ते है । मेरे खुद के ब्लाग का स्टेट दिखाउं क्या ?
    सवालः क्या यह टाइम-पास करने का साधन है?
    जवाबः हां बेशक यदि कोई व्यक्ती टाइम-पास करने के हिसाब से ही यह सब करता है तो बाकी तो यहां दुनिया भर की जानकारीयां मिलती है हर विषय पर तो हर किसी की नालेज तो बढ़ता ही है ना ।

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