कुछ साल पहले जब हम भारत जाकर वहाँ के संगी साथियों को डीटीएच के बारे मे बताते और ये बताते कि हमारे टीवी पर दो हजार से कुछ ज्यादा टीवी चैनल आते है तो वे लोग विश्वास नही करते थे। वे इसको सरासर गप्प मानते थे। लेकिन ये तो भला हो जीटीवी वालों का जो डिश टीवी ( थोड़ा और विश करो….) के नाम से अपना डीटीएच यानि डायरेक्ट टू होम प्लेटफार्म ले आए जिससे हम झूठे साबित नही किए जा सके। अब किसी का एकक्षत्र राज्य मतलब मोनोपॉली हो, ये भला कैसे हो सकता था, स्टार टीवी वाले रूपर्ट मर्डोक, टाटा के साथ टाटा स्काई (इसको लगा डाला तो लाइफ़ झिंगालाला) नाम का अपना प्लेटफार्म ले आए। दूरदर्शन भी अपना डीटीएच (दुनिया से जोड़े)ले आया, अब दूरदर्शन ठहरा, अदूरदर्शी सो इनके सामने नही टिक सका, लेकिन इन दोनो मे अभी भी घमासान मची हुई है।
आपस मे ये लोग लड़े मरे कुछ भी करें, इसमे तो उपभोक्ता का ही फायदा है। लेकिन अब ये लड़ाई और मारकुटाई और लम्बे स्केल पार जाने वाली है, क्यो? दो और खिलाड़ी जो मैदान मे उतर रहे है। पहले खिलाड़ी है अपने छोटे वाले अंबानी भैया, जो मीडिया मे काफी उठापटक कर चुके है, वे अपने बिग डीटीएच के साथ आ रहे है, दूसरे है उनके चिर प्रतिद्वंदी भारती एयरटेल वाले सुनील भारती मित्तल, ये भी अपना डीटीएच लेकर आ रहे है। लगता है सुनील मित्तल ने ठान लिया है कंही भी अनिल अंबानी को चैन नही लेने देंगे। अब जो भी हो, अब दोनो मिलकर सॉरी अलग अलग लड़कर बाकी सभी को चित्त करेंगे। आप कहेंगे कि इत्ता बड़ा मार्केट ही नही जो चित्त करेंगे। अमां मार्केट होता थोड़े ही है बल्कि क्रिएट किया जाता है, उदाहरण के लिए बिग डीटीएच वाले अंबानी ने अभी अभी तोशीबा से एलसीडी टीवी का बहुत बड़ा सौदा किया है। सुना है हर कनैक्शन लेने वाले को एलसीडी टीवी मुफ़्त दिया जाएगा, तो लो जी हो गया ना मार्केट क्रिएट, इसे कहते है अंबानी का दिमाग। मतलब कनैक्शन लो, टीवी मुफ़्त पाओ, आइडिया बुरा नही है, है ना? उधर भारती मित्तल भी चुप बैठने वाले नही, हो सकता है वे कनैक्शन के साथ सोफ़ा, पलंग या घर ही ना बाँट दे। अब भाई जो भी है, भारतीय उपभोक्ता की तो मौज है। अब बस इन्तजार करिए मार्च का, जब छोटे अम्बानी अपने डिश टीवी के साथ दिखेंगे, भारती मित्तल जो दिसम्बर मे आने वाले थे, वे भी शायद फरवरी/मार्च से शोर मचाना यानि विज्ञापन देना शुरु कर देंगे।
अच्छा अब आप थोड़ा और विश करिए, डिश….नही नही मार्च का इंतजार करिए।
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