रेलवे की बदलती काया

यात्री गण कृपया ध्यान दें। ‘गीताप्रेस’ गोरखपुर से चलकर, ‘अमूल’ अहमदाबाद जाने वाली ९९९९ अप ‘कुरकुरे एक्सप्रेस’, अपने निर्धारित समय से ‘किटकैट’ प्लेटफार्म न:६ से रवाना होगी……

आप सोच रहे होंगे कि ये मै कहाँ से रेलवे की एनाउन्समेन्ट मे घुस गया और वो भी प्रायोजित एनाउन्समेन्ट। लेकिन जनाब ये सपना नही, और ना ही मेरी कल्पनाशीलता। आने वाले वक्त मे आपको रेलवे मे ऐसी ही एनाउन्समेन्ट सुनने को मिल सकती है। क्योंकि रेलवे ने अपनी विज्ञापनों से होने वाली आय को कई गुना बढाने का निश्च्य किया है। मेरे विचार मे यह एक दूरगामी सोच का नतीजा है। विदेशों मे रेलवे इसी तरह के जुगाड़ो से काफी पैसा जुटाता है।

ये तो सिर्फ़ एक बानगी है, रेलवे अगर चाहे तो अपनी हर रेलगाड़ी को प्रायोजक के नाम के साथ जोड़ सकते है, प्रायोगिक तौर पर यह काम शुरु भी हो चुका है। आने वाले वक्त मे आपको रिजर्वेशन चार्ट, रेलवे टिकट, रेलगाड़ी के प्रसारण, रेलगाड़ी के अन्दर और बाहर हर जगह विज्ञापन दिखेंगे। बाहर कैसे? अरे जनाब, रेलवे ने बड़ी कम्पनियों को अपनी रेलगाड़ी का बाहरी हिस्सा रंगने की इजाजत दे दी है। प्रायोगिक तौर पर ही सही पेप्सी ब्लू बिलियन एक्सप्रेस और दूसरी कम्पनी कुरकुरे एक्सप्रेस को रंगेगी। अब इस पर विस्तार से प्रकाश तो ज्ञानदत्त जी ही डाल सकेंगे लेकिन इतना तो पक्का है, रेलवे अब कभी घाटे मे नही जाएगा, क्योंकि विज्ञापनो के लिए रेलवे के पास लोग लाइन लगाकर खड़े होंगे, क्योंकि रेलवे का नैटवर्क गाँव देहात, शहर, कस्बे हर जगह है। एक ही बार मे एक साथ इतने लोगों के पास पहुँचने का इससे बेहतर साधन और क्या होगा?

मेरे पास अभी फोटोग्राफ़ उपलब्ध नही है, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन फिर कभी। अभी के लिए सिर्फ़ इतना ही।
पढते रहिए, मेरा पन्ना ना….ना… आप सभी का पन्ना।

4 responses to “रेलवे की बदलती काया”

  1. ज्ञानदत्त पाण्डॆय Avatar

    मस्त परिकल्पना है. 🙂

  2. समीर लाल Avatar

    इस विषय में कुछ समाचार तो हमने भी पढ़ा था.

  3. अनूप शुक्ल Avatar

    हम लोग भी एक विज्ञापन दे दें। नारद एक्सप्रेस समय से चल रही है। मेरा पन्ना एक्सप्रेस एक नंबर प्लेटफ़ार्म पर खड़ी है। 🙂

  4. deepak pani Avatar
    deepak pani

    dear jitendra ji,
    aap ka lekh bahat pasand aya. main odisha ka rahne bala hoon, hindi bol aur padh leta hoon parantu likhneme paresani hotihai.
    hindi rastra bhasa hai aur hindika prayog jada se jada hona chahiye.
    hindi me likhne ke liye dhanaybad. meri pidgin hindi ke liye khyama(sorry).

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