हमारे एक व्यथित प्रवासी भारतीय मित्र ने एक इमेल भेजा है, जिसको मै आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ। एक निवेदन है कि इसे मजाक मे ही लिया जाए, किसी भी तरह का स्टैंड ना लिया जाए।
एक बार की बात है कि एक आदमी जानवरों के डाक्टर के पास गया और बोला
डा. साहब मै भारत मे एक महीने के लिए आया हूँ और चाहता हूँ कि अपना पूरा इलाज करा लूं। इसलिए आप मेरा चैकअप कर लीजिए।
डा. हैरान और परेशान हुआ, बोला भई, मै तो जानवरों का डाक्टर हूँ, आप तो अच्छे खासे इन्सान लगते है। इसलिए किसी इन्सानों के डाक्टर से इलाज कराइए।
बन्दा अड़ा रहा, बोला नही आप मेरा इलाज करो। सबसे पहले मेरी शिकायत सुन लो:
- मै भेड़ बकरियों की तरह हाँक कर इस देश मे काम करने के लिए लाया गया।
- मै सारी रात कुत्ते की तरह चौकीदारी करता हूँ।
- घोड़ों की तरह सुबह सवेरे जल्दी उठ जाता हूँ।
- हिरन की तरह दौड़ कर काम पर जाता हूँ।
- जोंक की तरह, सीट से चिपका रहता हूँ।
- आफिस मे, सारा दिन गधे की तरह काम करता हूँ|
- पूरा साल, ११ महीने बिना थके, बिना छुट्टी लिए, बैल की तरह काम मे जुटा रहता हूँ।
- अपने कमअक्ल बॉस की फिजूल बातों के सामने कुत्ते की तरह पूँछ हिलाता हूँ।
- भालू की तरह नाच नाच कर, अपनी सरकार को (सबसे ज्यादा विदेशी) मुद्रा कमाकर देता हूँ।
- वही सरकार जब सौतेला बर्ताव करती है तो घोंघे की तरह चुप बैठ जाता हूँ।
- जब भी खाने को मिलता है तो हाथी की तरह, जम कर खाता हूँ।
- जब भी टाइम मिलता है तो अपने बच्चों के साथ बंदर की तरह खेलता हूँ।
- अपनी बीबी के सामने भीगी बिल्ली की तरह बन जाता हूँ।
डाक्टर ने कहा,
इतनी लम्बी कथा करने की जरुरत क्या थी, तुमको पहले बताना चाहिए था कि तुम गल्फ़ मे काम करते हो। आओ, तुम्हारा इलाज मेरे से अच्छा कोई नही कर सकता।
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