क्या आपको पता है कि जब पूरी दुनिया 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन क्रिसमस के रूप में मना रही होती है, तब कुछ क्रिस्चियन देश इसे उस दिन नहीं मनाते और 7 जनवरी का इंतजार करते हैं? क्यों? आइए बताते हैं। मैं आपका हमसफ़र, जितेंद्र चौधरी, आज आपको ले चलता हूँ एक अनोखी क्रिसमस परेड में, जो 25 दिसंबर को नहीं, बल्कि 7 जनवरी को जॉर्जिया की राजधानी तिब्लिसी में होती है।
अगर किसी कारणवश आप क्रिसमस के समय यूरोप नहीं पहुँच पाए, तो निराश मत होइए। आइए जॉर्जिया, जहाँ क्रिसमस 7 जनवरी को मनाया जाता है। इसके पीछे कारण है कि जॉर्जिया का चर्च पुरानी जूलियन कैलेंडर का अनुसरण करता है। जॉर्जियन ऑर्थोडॉक्स चर्च, जो देश का मुख्य धार्मिक समूह है, ग्रेगोरियन कैलेंडर की बजाय जूलियन कैलेंडर को मानता है। जूलियन कैलेंडर, ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 13 दिन पीछे चलता है, इसलिए जब बाकी दुनिया 25 दिसंबर को क्रिसमस मना रही होती है, तब जॉर्जिया में 7 जनवरी को यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का “अलीलो जुलूस” या क्रिसमस परेड, इस पर्व की रौनक को और भी बढ़ा देता है। सफेद कपड़ों में सजे लोग, हाथों में मोमबत्तियां लिए, पारंपरिक गीत गाते हुए सड़कों पर चलते हैं। पूरा शहर एक परिवार की तरह इस जश्न में डूबा रहता है, और यह नजारा अद्भुत होता है।
क्या जॉर्जिया अकेला ऐसा देश है? नहीं, जॉर्जिया के साथ-साथ बेलारूस, सर्बिया और रूस जैसे देश भी 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं।
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Photo : Tbilisi जनवरी 2024
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