Burj Khalifa

साल 2003 की बात है, दुबई का हर कोना धूल और निर्माण के बीच खोया हुआ था। जगह-जगह सड़कों का निर्माण हो रहा था, और ऊंची-ऊंची इमारतों की नींव के लिए गहरे गड्ढे खुदे हुए थे। जाना कहीं होता था, पर रास्ते अक्सर कहीं और ले जाते थे। कई बार तो मंजिल सामने होती, पर पहुंचने का कोई सीधा रास्ता नहीं दिखता था। एक गलत मोड़ ले लिया तो मीलों दूर जाकर वापसी का रास्ता मिलता। उस दौर में दुबई पूरी तरह अस्त-व्यस्त दिखता था, लेकिन दुबई के लोगों को यकीन था कि जब ये सब काम खत्म होगा, तब दुबई दुनिया के नक्शे पर एक ग्लोबल हब के रूप में उभरेगा।

दुबई के इस बदलाव के पीछे थे शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम, जिनके विज़न ने दुबई को नया स्वरूप दिया। उन्होंने दुबई में इतना व्यापक निर्माण कार्य शुरू कराया कि उस समय दुनिया भर की क्रेन्स और हैवी इक्विपमेंट्स दुबई में ही थे। यह भी एक अनूठा रिकॉर्ड था। और इसी सफर में एक मील का पत्थर बनकर खड़ा हुआ बुर्ज खलीफा।

बुर्ज खलीफा – इंसानी काबिलियत का अद्भुत उदाहरण
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा केवल एक इमारत नहीं, बल्कि इंसानी इंजीनियरिंग, डिज़ाइन और तकनीक का बेमिसाल नमूना है। 828 मीटर ऊंची यह इमारत, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि यह आसमान से बातें कर रही है, दुबई की शान बन चुकी है। बुर्ज खलीफा की 160 मंज़िलें और 57 लिफ्ट इसे केवल ऊंचाई ही नहीं, बल्कि अनुभव में भी अद्वितीय बनाती हैं।

इतिहास और विज़न
6 जनवरी 2004 को बुर्ज खलीफा की नींव रखी गई और इसे पूरा होने में 6 साल लगे। 4 जनवरी 2010 को इसका उद्घाटन हुआ। इसका निर्माण दुबई को ग्लोबल आइकॉन के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हुआ। यह सपना शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम का था, जिन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि असंभव कुछ भी नहीं होता।

अनूठी इंजीनियरिंग
बुर्ज खलीफा का डिज़ाइन रेगिस्तान के एक फूल ‘हाइमेनोकैलिस’ से प्रेरित है, जिसमें तीन हिस्सों से मिलकर एक अद्वितीय आकार बनता है। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि तेज़ हवाएं भी इसे हिला नहीं सकतीं। इसकी संरचना इतनी मज़बूत है कि 200 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी इसपर असर नहीं डालतीं।

फीचर्स और दिलचस्प जानकारियाँ

इसमें 57 तेज़ गति वाली लिफ्ट्स हैं, जो आपको 10 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से ऊपर ले जाती हैं।

बुर्ज खलीफा की ऊंचाई ऐसी है कि आप इसकी ऊपरी मंजिलों से सूरज को दो बार डूबते हुए देख सकते हैं – एक बार निचली मंजिलों से और फिर ऊपरी मंजिलों से।

यहाँ पर अरमानी होटल है, जिसे खुद फैशन डिज़ाइनर जियोर्जियो अरमानी ने डिज़ाइन किया है।

76वीं मंजिल पर दुनिया का सबसे ऊंचा स्विमिंग पूल और 122वीं मंजिल पर ‘एटमॉस्फेयर’ रेस्त्रां है, जहाँ से दुबई का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है।

रिकॉर्ड्स

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत: 828 मीटर

सबसे ऊँचा ऑब्जर्वेशन डेक: 148वीं मंज़िल पर, 555 मीटर की ऊंचाई से।

सबसे ऊँचा स्विमिंग पूल: 76वीं मंज़िल पर।

रोचक तथ्य

बुर्ज खलीफा का कुल वज़न लगभग 100,000 हाथियों के बराबर है।

इसका कूलिंग सिस्टम इतना एडवांस्ड है कि यह हर साल करीब 15 मिलियन गैलन पानी को रीसायकल करता है।

इसका बाहरी हिस्सा 26,000 से अधिक ग्लास पैनलों से ढका हुआ है, जो इसे सूरज की तपिश और धूल से बचाते हैं।

न्यू ईयर की लाइट शो
हर साल न्यू ईयर पर यहाँ होने वाला लाइट और आतिशबाज़ी शो पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देता है। खास मौकों पर बुर्ज खलीफा LED लाइटिंग के जरिए रोशन हो जाता है, जो इसे और भी खास बना देता है।

तो जब भी आप दुबई जाएं, बुर्ज खलीफा के सामने खड़े होकर इसकी ऊंचाई को निहारें और महसूस करें कि इंसानी जज़्बा सच में कोई सीमा नहीं जानता।

मिलते हैं, ऐसे ही किसी जाने अनजाने सफ़र पर, तब तक के लिए अलविदा।

Photo :Dubai 2003 to 2020

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