आज वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने संसद मे बजट पेश किया। अभी बजट की कई बातों का विस्तार से अध्ययन किया जाना बाकी है, लेकिन फिर भी पेश है मेरा पन्ना की त्वरित प्रतिक्रिया। बजट मे कुछ अच्छी बाते रही जैसे कि इंकम टैक्स की सीमा को डेढ लाख किया जाना और कर्जे मे डूबे आत्महत्या कर रहे किसानों कर्जमाफी की राहत। इन दो बातों के अलावा कुल मिलाकर बजट ने सभी को निराश ही किया है। शेयर बाजार मे भी बजट को नकारात्मक तौर पर लिया है, कम से कम शुरुवाती रुझान तो ऐसे ही है। छोटे निवेशक जो अभी तक गिरावट की वजह से काफी घाटा झेल चुके है, उनको भी अल्पावधि के पूंजी लाभ(Short Term Capital Gain) पर 10% की जगह अब 15% कर देना होगा। कुल मिलाकर निवेशकों की नजर से यह बजट निराशाजनक ही रहा। बजट की कुछ मुख्य बाते इस प्रकार है:
बजट की अच्छी बातें
- किसानो के लगभग 50 हजार करोड़ के कर्जे माफ़ (ये देखना होगा कि ये कर्जमाफी किसानो तक पहुँचती भी है कि नही, या हर बार की तरह नेता ही किसान बनकर माल हड़प कर जाते है।)
- आयकर की न्यूनतम आय सीमा डेढ लाख की गयी। डेढ लाख से तीन लाख तक 10%, तीन से पाँच लाख तक 20% और उससे ऊपर की आय पर 30% (या अधिक) का आयकर लगेगा। (इतना तो कम से कम होना ही चाहिए था, लेकिन उम्मीद और ज्यादा थी।)
- महिलाओं के लिए छूट की सीमा 1.80 लाख और वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा 2.25 लाख। (अच्छा कदम)
- सेट टॉप बॉक्स के पुर्जे और आईटी, हार्डवेयर सामानों पर सीमा शुल्क पूरी तरह हटी। (ना हटाते तो, चीन वाले बाजार अपने तैयार माल से भर देते।)
- दुपहिया, तिपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क घटाकर 12% किया गया। (अच्छा कदम)
- छोटी कारें सस्ती, उत्पाद शुल्क घटकर 12% । (अच्छा कदम)
- बिजली उपकरणों पर सीमा-शुल्क घटाई गई। यह शुल्क 7.5% से 5% हुआ। (मामूली फर्क)
- 65,000 सेवा प्रदाता सेवाकर दायरे से बाहर होंगे। (अच्छा कदम, व्यापारियों का उत्पीड़न बढ गया था।)
- राशन कार्ड की जगह स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे। ( गैर जरुरी, इसका दुरुपयोग होगा)
- जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क 10% से 5%। (हर बजट मे ऐसे वादे होते है।)
- फार्मा पर एक्साइज ड्यूटी 16% से घटाकर 8%। (अच्छा कदम)
बजट की निराशाजनक बातें
- अल्प अवधि पूंजी लाभ कर 10% से बढ़कर 15% हुआ। (बेहद गैरजरुरी कदम)
- यूलिप पर सेवा कर। (यहाँ भी नही छोड़ा)
- पेकैज्ड सॉफ्टवेयर महंगे, उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 12 फीसदी। (इसकी जरुरत ही नही थी।)
- बिना ब्रांड के पेट्रोल पर 14.35 रुपए का विशिष्ट शुल्क। ( एक तरफ़ महंगाई घटाने वादा और दूसरी तरफ़ उपभोक्ताओं की कमर तोड़ने का इरादा)
- बिना ब्रांड के डीजल पर 6.60 रुपए का विशिष्ट शुल्क। (कुछ भी ना बढाओ, सिर्फ़ पेट्रोल डीजल के दाम बढा दो, बाकी अपने आप बढ जाएंगे।)
- पूँजी बाजार की तर्ज पर कमोडिटी खरीद/बिक्री पर भी STT (लो झेलो इधर भी नही छोड़ा।)
- टूर ऑपरेटर्स पर सेवा कर लगेगा। ( और घूमो दुनिया, भरो अब टैक्स। अब यहाँ भी बिना बिल का काम होगा।)
- सिगरेट और महंगी (अच्छा कदम, लेकिन बीड़ी और पान मसाले/गुटखा पर भी लगाम कसने की जरुरत।)
कुछ घोषणाएं जिनकी वित्त मंत्री से उम्मीदे थी।
- कारपोरेट टैक्स मे कुछ राहत।
- छोटे निवेशकों के हित के लिए कुछ अच्छे कदम।
- मारिशस वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों पर लगाम कसने के कदम।
- निर्यातकों के लिए कुछ राहत वाले कदम।
- अमरीका की मंदी से निर्यात घटेगा, उससे निपटने के लिए कुछ कदम।
- आउटसोर्सिंग कम्पनियों के लिए कुछ पैकेज की उम्मीद थी।
- घर लेने के इच्छुक लोगों के लिए, होम लोन की दरों मे कमी, स्टैम्प ड्यूटी और लगने वाले करों मे कमी
आपको कैसा लगा बजट, अपनी राय देना मत भूलिएगा।
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