हमारा हिन्दी चिट्ठाकारों का परिवार सचमुच एक भरे पूरे परिवार की तरह है। ब्लॉग लिखते लिखते हम कब एक दूसरे को अपने घर का सदस्य बनाते चले जाते है पता ही नही चलता। ऐसा ही हुआ कुछ हमारे साथ। हमारी एक चिट्ठा जगत की नवोदित चिट्ठाकारा ने हमे एक बहुत प्यारी कविता भेजी है। पहले आप कविता पढिए, कवियत्री का नाम और अवसर के बारे मे कविता के आखिरी मे बताया जाएगा।
बङी उलझन थी कि आज के मुबारक दिन आपको क्या उपहार दूं,
उपहार जो सबसे अलग प्यार भरा अनमोल हो,
फ़िर सोचा क्यॊं ना ये उपहार, सबसे हटकर..
प्यार बधाई और दुआओं भरे चंद बोल हों..
मुबारक हो आपको दिन ये सुहाना,
दुआ है मेरी ए दिन! तुम बार बार आना,
और याद दिलाना उस पल की..
जब दो आत्मायें एक हुईं थी,
और वादे किये गये गये थे…
संग जीने-मरने और साथ निभाने के उमर भर,
साथ ये कभी छुटे ना और ये जन्मों का ये बंधन कभी टूटे ना,
आपकी ज़िंदगी यूं ही खुशीयों और उमंगो भरी हो..
मांग में सदा चांद-सितारे और हाथों में मेंहदी सजी हो..।
– ‘ मान्या‘
मान्या जी, मेरी और मेरी पत्नी की तरफ़ से आपको बहुत बहुत धन्यवाद। हमारी शादी की तेहरवी वर्षगाँठ पर इससे खूबसूरत तोहफा और कोई हो ही नही सकता। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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