इस साल की शुरुवात मुम्बई के लिए अच्छी नही रही। 31 दिसम्बर की रात/1 जनवरी की सुबह (लगभग 1:45 पर), मुम्बई मे कुछ दरिंदों ने मुम्बई को शर्मसार कर दिया। अमरीका से आए एक एनआरआई परिवार की महिलाओं के साथ लगभग 70-80 लोगों के हजूम ने बदसलूकी की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की। (पूरा समाचार यहाँ पढें, सीएनएन-आईबीएन की वीडियो रिपोर्ट यहाँ पर है।) इन्होने उन महिलाओं के कपड़ों को नही, बल्कि मुम्बई की इज्जत को तार तार किया है। ऐसे लोग मुम्बई के नाम पर दाग है। क्या यही है मुम्बईकर की पहचान? जब हम अपने देश के प्रवासी भारतीयों के साथ ऐसी बदसलूकी कर सकते है तो विदेशी हमसे क्या उम्मीद रखें। ऊपर से पुलिस कमिशनर का यह कहना कि इस तरह की घटनाएं कंही भी कभी भी हो सकती है। ऐसे कमिशनर से क्या उम्मीद रखी जाए?
क्या आप नीचे दिए गए चित्र मे दिखाए गए किसी भी दरिंदे को पहचानते है, यदि हां तो तुरन्त ही पुलिस को सूचित करें।
ऐसे दरिंदो को निश्चय ही कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जानी चाहिए। हिन्दी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि इन दरिंदो को पकडने के लिए अपने अपने ब्लॉग पर इस बारें मे लिखे, एक अभियान चलाएं, हो सकता है आपका ब्लॉग पढने वाले इनमे से किसी को पहचानता हो। वैसे इन दरिंदो को सजा तो यही होनी चाहिए कि इनको महिलाओं के हजूम मे अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए, वही इनके साथ सही इंसाफ़ करेंगी। आप क्या कहते है इस बारे में?
अपडेट: आखिरी समाचार मिलने तक पुलिस ने पाँच लोगो को हिरासत मे लिया है, लेकिन इस बारे मे कितनी प्रगति हो सकेगी ये तो हम सभी जानते है।
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