साथियों,
दीपावली आने वाली है, इस बार ये साल बहुत तेजी से बीत गया। हमारे देश मे बाकी चाहे जितने भी त्योहार हों लेकिन दीपावली का त्योहार का विशेष महत्व है। दीपावली के आते ही मन खुशी से झूम उठता है। हर तरह चहल-पहल रोशनी, साफ़ सफ़ाई, शापिंग, नए वाहन, नए कपड़े और नए इलेक्ट्रानिक आइटम, सब कुछ एक्शन मे दिखता है। ऐसा लगता है लोग साल भर कमाते है और दीवाली मे खर्च करते है। और तो और कंजूस से कंजूस लोग भी अपने पल्ले से रुपए खर्च कर ही देते है।
हमारे चिट्ठाकारी जगत मे आजकल त्योहार नही मनाए जा रहे, पहले तो हम हर त्योहार (होली,दीवाली या कुछ और) एक हफ़्ते पहले से शुरु कर देते थे। तो जनाब पहल हम ही कर देते है, आज पेश है लगभग दो साल पहले लिखा दीवाली पर्व पर लेख दीवाली की यादें ।
ऐसा नही है कि हम आपको पुराने लेख से ही टरका देंगे। वैसे भी कई नए लोगों ने मेरे पुराने लेख पढे नही होंगे, इसलिए हम भी पुराना लिंक टिका रहे है। भाई जब तक आप ये लेख पढिए, हम भी अगला लेख लिखने की तैयारी कर रहे है। उम्मीद है हमारे इस दीवाली उदघाटन से बाकी चिट्ठाकारों मे भी लेख लिखने/छापने की छपास पीड़ा मचेगी, बस यही तो हम सभी चाहते है। तो भैया आप पढिए दीपावली की यादे….. हम आते है नए लेख के साथ।
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