चला गया सुरों का राजकुमार

आजकल स्टार प्लस पर ’अमूल’ स्टार वॉयस आफ इन्डिया कार्यक्र्म के आखिरी पड़ाव पर, सबसे तगड़ा प्रतियोगी, जयपुर का तोशी (असली नाम, ओवेश साबरी) जनता के वोटो द्वारा कार्यक्रम से बाहर हो गया। मै तोशी की गायकी का बहुत कायल हूँ, सच पूछा जाए तो मै इस कार्यक्रम को सिर्फ़ तोशी के लिए ही देखता था। पिछली बार भी जनता के फैसले की वजह से तोशी को बाहर का रास्ता देखना पड़ा था तो मेरी तरह कई लोगों ने इस कार्यक्रम को देखना बन्द कर दिया था। वैसे तो इन सारे रियल्टी शो का वोटिंग पैटर्न ही खराब है, तभी तो जी सारेगामा पर काबिल प्रतियोगी बाहर निकल गए, और कम प्रतिभाशाली विजेता हुए। यदि दर्शकों की राय से ही फैसला किया जाना था तो पाकिस्तान के काबिल प्रतियोगी के लिए वोट पाकिस्तान से भी आने चाहिए थे, जो नही हुआ, इस तरह उस बेचारे के साथ क्यों ज्यदती की गयी? स्टार वॉयस आफ इन्डिया मे तोशी के साथ भी ज्यादती हुई, ये तो भला हो वरिष्ठ संगीतकारों के एक पैनेल का जिसने तोशी को वाइल्ड कार्ड के जरिए फिर से कार्यक्रम मे ला खड़ा किया।

toshiतोशी का इस कार्यक्रम से निकलना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और साथ ही ये दिखाता है कि जनता का वोटिंग करने का अन्दाज कितना घटिया है। आज हम भले ही जितनी बड़ी बड़ी बाते करें, निश्पक्षता और ईमानदारी के चाहे जितने खोखले वादे करें, भले ही संगीत के बड़े ज्ञाता या कद्रदान हो, लेकिन आज भी हम वोटिंग जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर ही करते है। लानत है ऐसी वोटिंग और रियलिटी शो के वोटिंग पैटर्न पर, जिससे प्रतिभाशाली युवाओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।तोशी अब तक के सभी शामिल प्रतियोगियों मे से सबसे काबिल प्रतियोगी है, लेकिन फिर भी उसे बाहर का रास्ता देखना पड़ा। ऐसे मे इन टीवी शोज की कोई वैल्यू नही रह जाती। जहाँ तक मेरा विचार है इस नौजवान को सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ब्रेक की जरुरत है, आगे का रास्ता ये खुद तय कर लेगा। सही रास्ता/पथपदर्शक पाने पर ये लड़का निश्चय ही भारत के महानतम गायकों के श्रेणी मे खड़ा होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। संगीत के इस महायोद्दा को मेरी तरफ़ से बहुत बहुत शुभकामनाएं। तोशी के गाए गीतों के सारे वीडियो यहाँ पर मौजूद है। जाते जाते आपको छोड़ जाते है प्रतियोगिता में तोशी का गाया आखिरी (प्रतियोगी) गीत ’ मेरा पिया घर आया, हो लालनी’।

अब स्टार वॉयस आफ इन्डिया कोई भी बने, मेरा स्टार तो तोशी ही था, उसके जाने के बाद अब इस प्रोग्राम को देखने का कोई मतलब नही।

3 responses to “चला गया सुरों का राजकुमार”

  1. ashish maharishi Avatar

    toshi ka jaanaa dhukdayak hain mere liye ..
    ashish

  2. Dr Dugaprasad Agrawal Avatar
    Dr Dugaprasad Agrawal

    निश्चय ही तोषी एक बेहतरीन गायक थे. मेरा लगाव उनसे इसलिए और् भी अधिक है कि मैं खुद भी जयपुर से हूं. लेकिन,
    लेकिन, क्या कार्यक्रम से किसी न किसी को कभी न कभी बाहर नहीं होना है?
    और अगर हमने वोटिंग व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है तो फिर जनता को दोष देने का क्या मतलब है? अगर हमें जनता की समझ में इतना ही सन्देह है तो फिर क्यों न कार्यक्रम के शुरू में ही यह न कहें कि यह योजना गलत है. कार्यक्रम से जो भी बाहर होगा, हमारा रोना-पीटना तो इसी तरह होगा. और यही कार्यक्रम के संचालक चाहते भी हैं. उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि कौन बाहर होता है और कौन टिकता है. उन्हें मतलब है कि आप कितने एस एम एस करते हैं. सो वो हम कर ही रहे हैं.

  3. समीर लाल Avatar

    अफसोस हुआ मगर किसी को तो जाना ही है पब्लिक की मेहरबानी से.

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