अच्छा साथियों,
हम तो चले स्वदेस, आज शाम की फ़्लाइट है। यहाँ से शारजाह होते हुए, सुबह सवेरे नागपुर पर पहुँच कर हिन्दुस्तान की धरती को चूमेंगे(अगर एयरपोर्ट वालों ने सफाई का विशेष ध्यान रखा तो) मुझे नही पता नागपुर एयरपोर्ट कैसा है, नागपुर शहर कैसा है, क्योंकि पहली बार जा रहा हूँ, क्यो? अमां एयर अरेबिया की सस्ती फ़्लाइट अभी सिर्फ़ नागपुर जा रही है। हम अकेले नही हूँ, पूरा कुनबा है। जिसमे मिर्जा साहब,छुट्टन,पप्पू भैया और किरकिट स्वामी भी शामिल है। अब इत्ते सारे लफ़ाड़िए एक जगह इकट्ठा होंगे तो फ़ड्डे तो होने ही है।इस बार हम लोगों ने निश्चय किया है बऊवा और वर्मा फ़ैमिली से जरुर मिलेंगे। अब जहाँ बऊवा हो वहाँ पंगे ना हो ये कैसा हो सकता है।तो भैया फ़ड्डों के लिखे जाने का इन्तजार करिए।और पढते रहिए, मेरा पन्ना, आपका अपना पन्ना।
मै रोजाना तो नही, लेकिन हफ़्ते हफ़्ते कोशिश जरुर करूंगा कि ब्लॉग को अपडेट करता रहूँ, अब देखते है कि कोशिश कितनी सफ़ल रहता है। आपकी शुभकामनाओं का आकांक्षी।
आपका भाई
जीतू चौधरी
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