पकाऊ फिल्मी डायलाग

अक्सर हम बालीवुड की फिल्मे देखते है। डायलाग इतने पकाऊ होते है कि पूछो मत।लेकिन आजकल ये डायलाग दिखते ही नही। जो जनाब पेश है बेशकीमती( जो चीज सप्लाई मे कम हो जाती है वो बेशकीमती हो जाती है) और अपने जमाने के पकाऊ डायलाग। और हाँ साथ मे मैने अपनी कमेन्टस भी डालने की कोशिश की है, आप भी दीजिये ना अपनी टिप्पणियां।

हटो ना! लोग क्या कहेंगे।
मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूँ।
कुलमुँही, कलंकनी, कहाँ मुँह काला करके आई है।
मैं कहाँ हूँ?
बास! माल पकड़ा गया
ठहरो! ये शादी नही हो सकती
छोड़ दो मुझे? भगवान के लिये छोड़ दो…. ( सुख्खी बोलता था, साली मेहनत प्रेम चोपड़ा करे, और माल भगवान खाएं)
बताओ हीरा कहाँ है?
क्या तुम मेरे बचपन के भाई हो?
अब ये नाटक बन्द करो।
तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?
मैं अभी कुंवारी हूँ
अहसान फरामोश!!
माँ! अब मै देख सकता हूँ।
तुम्हे याद है वो तूफ़ानी रात?
मुझे कुछ भी याद नही आ रहा।
मै कहती हूँ, दूर हो जा मेरी नजरों से।
यहाँ तेरी इज्जत बचाने कोई नही आयेगा (पक्का जरुर कोई ना कोई आयेगा, बैडलक सुख्खी)
मैं आपका ये अहसान कभी नही भूल सकता।
पति परमेश्वर होता है।
ये बारात अब वापस जाएगी।
दुनिया की कोई ताकत हमे जुदा नही कर सकती (हाँ फ़ैवीकोल का मजबूत जोड़ जो है)
कानून जजबात नही, सबूत देखती है ( वो भी टटोल टटोल कर, कानून अन्धा जो होता है)
जज साहब! मैने खून नही किया।
काश! तुम मेरा यकीन कर सकती।
मै किसी को मुँह दिखाने के काबिल नही रही।
हम बरबाद हो गये।
तुम मुझे अच्छे लगते हो।
घर मे जवान बेटी है…….
माँ, इसने कल मेरी इज्जत बचाई है। (और अब इन्टरवल के बाद ये मेरी मर्जी से मेरी इज्जत….)
तुम्हारे ख्याल कितने अच्छे है।
तुम मुझे गलत समझ रहे हो….काश! मै सच्चाई बता सकती।
मैं गरीब हूँ ना इसलिये?
तुम किसकी नाजायज औलाद हो?
तुम्हारी सीमा किसी और के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है।
भगवान मैने तुमसे आजतक कुछ नही मांगा
मै तुम्हारे बिना नही रह सकती।
कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है।
रुको! कानून को अपने हाथ मे मत लो। ( ला बुक इम्पोरियम मे किताबे उठाने के लिये बन्दा है ना)
गवाहों के बयानात और सबूतों को मद्देनजर रखते हुए….
मुजरिम को बा-इज्जत बरी किया जाता है
इन्सपेक्टर साहब! गिरफ़्तार कर लीजिए इसे
अगर तुम्हारे यार को जिन्दा रखना चाहती हो, तो नाचना शुरु करो।
क्या इसी दिन के लिये तुझे पाल पोस कर बड़ा किया था?
मैने इस जमीन को अपने खून से सींचा है।
इस घर के दरवाजे, तुम्हारे लिये हमेशा के लिये बन्द हैं।
इन गोरी गोरी कलाइयों को काम करने की क्या जरुरत है।
मैने तुम्हे क्या समझा तुम क्या निकले। (कम्पनियां अपने ब्लॉगर इम्प्लाइज को यही कहती होंगी शायद)
डाक्टर: अब सब ऊपर वाले के हाथ मे हैं।
डाक्टर: आइ एम सॉरी, हम कुछ नही कर सकते। (ये सब भगवान वाले गाने की थीम बना रहे हैं।)
डाक्टर: अगले चौबीस घन्टे तक इन्हे होश नही आया तो…..
अगर माँ का दूध पिया है तो सामने आ।
ज्यादा होशियारी करने की कोशिश मत करना।
मुन्नी बाई, ठाकुर साहब आए हैं।
नही छोड़ूंगा तुझे, जान से मार दूंगा
भगवान पर भरोसा रखो, सब ठीक हो जाएगा।
वो एक गन्दी नाली का कीड़ा है।
मेरा दिल धक धक करता है।
एक फूटी कौड़ी नही दूंगा।
जमाने ने ठोकर लगा लगा के इस दिल को पत्थर बना दिया
कुत्ते! कमीने! …..
चुड़ैल! कीड़े पड़े तेरे…
बास! माल वर्सोवा बीच पर ठीक बारह बजे आ जायेगा।
तुमने ये किया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।
वो कुत्ते की मौत मरेगा।
अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो।
अपने हथियार फेंक दो
मै तुम्हारा एहसान जिन्दगी भर नही भूलूंगा।
इतना पैसा तुम कहाँ से लाए?
बचाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआओ!…….
पुलिस मेरे पीछे लगी है।
बताओ क्या कीमत है तुम्हारी?
तुम मेरे लिये मर चुके हो।
मैने दो दिन से कुछ नही खाया, एक रोटी का टुकड़ा दे दो ना।
घर में दो दो जवान बेटियां है..
लो! मुँह मीठा करो…
वादा करो कि हमेशा मेरे रहोगे।
खबरदार जो मुझे हाथ भी लगाया
अरे! इसे तो तेज बुखार है।
माँ तुम कितनी अच्छी हो।
भईया!
माँ!….
ये आप क्या कह रहे हैं भाई साहब?
उसका दोष सिर्फ़ इतना है कि वो गरीब है।
गुरखा, इसे धक्के मारके बाहर निकाल दो।
ये अन्याय है भगवान
पुलिस को तुम जैसे नौजवानो पर नाज है (पक्का है कि ये डायलाग इफ़्तिखार या जगदीश राज ने बोला होगा)
तुम्हारी मां हमारे कब्जे में है।
एक बार मुझे माँ कहकर पुकारो बेटा।
ये खून मैने किया है माइलोर्ड!
भागने की कोशिश मत करना।
मुझे तुम्हारे इस बहते हुए खून की कसम।
ये सौदा तुम्हे बहुत मैहंगा पड़ेगा।
पेश है दुनिया की जानी मानी कलाकार मिस रेनू ( लो अब गाना झेलो)
जबान को लगाम दो…
हमे टेढी अंगुली से घी निकालना आता है।
चुन चुन के मारूंगा, एक एक को चुन चुन के मारूंगा।
तूने मेरे पीठ मे छुरा भोंका है।
तुम जिस थाली मे खाते हो, उसी मे छेद करते हो।
प्रसाद खाओ बेटा।
वो जब तक घर ना आयेंगे, मै खाना नही खाऊंगी।
मैने अपने सुहाग की खातिर ये व्रत रखा है, भगवान, उनकी रक्षा करो (सुहाग पक्का है कि मुन्नी बाई के कोठे पर होगा)
आज करवा चौथ है।
कान खोलकर सुन लो…
तुम अकेले नही हो, मैं भी हूँ तुम्हारे साथ।
बीस साल पहले दीवाली की रात……
तुम्हारे पास क्या नही है, हीरे, जवाहरात, नौकर चाकर,गाड़ी बंगला, रुपया पैसा। फिर भी तुम्हे इस दो कौड़ी के लड़के को इस घर का दामाद बनाना चाहती हो।

इस लेख की प्रेरणा (टोपो) यहाँ से मिली थी।

5 responses to “पकाऊ फिल्मी डायलाग”

  1. Pankaj Bengani Avatar

    sahi hai…. hansane ko kuchh mila

  2. anunad Avatar
    anunad

    अति सुन्दर ! अति सुन्दर !!

    कुछ और “डायलाग” जोड दिये जाँय यतो यह संग्रह एक “हिन्दी-फिल्म डायलाग डिक्शनरी” में बदल सकता है |

  3. अनाम Avatar

    जीतू जी मज़ा आ गया पढ्कर! ऐसे ही लिखते रहिये! यह पढकर तो एक हिन्दी मूवी देखने की तीव्र इच्छा हो रही है!

  4. yugal mehra Avatar

    Very Good yaar , tusi to kamaal kar ditte ho

  5. sunil Avatar
    sunil

    hallo hi im sunil verma

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