शमा जलाए रखना …


शमा जलाए रखना जब तक कि मैं न आऊं
ख़ुद को बचाए रखना जब तक कि मैं न आऊं

ये वक़्त-ए-इम्तेहां है सब्र-ओ-क़रार-ओ-दिल का
आंसू छुपाए रखना जब तक कि मैं न आऊं

हम तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुदा नहीं थे
सांसे बचाए रखना जब तक कि मैं न आऊं
-सईद राही

One response to “शमा जलाए रखना …”

  1. hguf4DPa6i Avatar

    Xar9HwPFQ88VH Xi4L9qrK2ggPv9 76VAoN6fUn2QG

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