From MeraPannaPhoto |
कुछ मेरे बारे में
- जन्मदिन ९ सितम्बर, १९६८ (Sept 9th, 1968)
- मै कन्या राशि का हूँ (Sunsign:VIRGO)
- इमेल सम्पर्क का पता है jitu9968 एट जीमेल डाट काम ( jitu9968 at gmail dot com)
- बचपन बीता कानपुर मे…….कई कई बार शहर से थोड़े थोड़े समय के लिये दूर हुए.लेकिन हर दूरी मे शहर से प्यार बढता गया, दीवानगी की हद तक.
- लेकिन अब शहर मे रहना मुश्किल, क्योंकि धूल से एलर्जी है.
- साइकिल से कई कई बार गिरा, मार पड़े धीरू को, हर बार बिना ब्रेक वाली साइकिल पर बिठा कर धक्का दे देता था,लेकिन स्कूटर एक ही बार मे ही सीख गया.
- बारिश मे भीगना बहुत पसन्द है, जाहिर बचपन मे कागज की नावें बहुत चलायी.
- बचपन मे मै बहुत शरारती था और मोहल्ले की वानर सेना का लीडर था.
- मै ईश्वर मे विश्वास रखता हूँ.
- मै हिन्दी, उर्दू,अंग्रेजी, सिन्धी, पंजाबी,अरबी और फ्रेंच भाषायें बोल लेता हूँ, अब फ्रेंच बोलने के लिये मत बोल देना, मिट्टी पलीत हो जायेगी.
- लेकिन मेरे को हिन्दी भाषा सबसे अच्छी लगती है.
- कालेज टाइम मे धूम्रपान के कई रिकार्ड तोड़े…..अब स्मोकिंग एकदम बन्द,हालात यहाँ तक कि यदि कोई मेरे सामने स्मोक करे तो धुँए से परेशानी होती है.
- बीयर पीने का बहुत शौँक, इतना कि साथ मे बैठकर पीने वाला भी हाथ जोड़ देता है, कि जाओ मेरे बाप…..अब माफ करो.
- फिल्मों की डीवीडी खरीदनें का बड़ा शौंक, लेकिन देखने का शौँक अभी नही आ पाया.
- जिन्दगी मे काफी उतार चढाव देखे……अपनों को बदलते देखा, गैरों को हाथ बढाते देखा…शायद यही दुनिया है.
- जिन्दगी हर रोज कुछ ना कुछ नया सिखाती है, बहुत कुछ सीखा…….नही सीख पाया तो बस किसी से नफरत करना.
- मेरा मानना है प्यार के लिये जिन्दगी कम पड़ती है, नफरत के लिये कहाँ जगह है इसमे?
- मै किसी को बाय बाय नही कर सकता, मुझे बहुत दुःख होता है किसी को बाय बाय करने मे.
- जीवन मे अपनी माताजी से बहुत प्रेरित रहा, अब वो तो नही रही, लेकिन उनके कहे एक एक शब्द आज भी मेरा मार्गदर्शन करते रहते है.
- मेरी सबसे अच्छी दोस्त लड़कियाँ ही हैं, जाने क्यो?
- प्यार के मामले मे बहुत लकी रहा…….अब ज्यादा बताकर जूते नही खाना चाहता.
- प्यार के मामले मे बहुत बहुत सेन्टी हूँ, और पहला प्यार तो कभी भी भुलाये नही भूलता.
- मै चश्मा लगाता हूँ, दूर की नजर का, लेकिन पता नही क्यों लड़कियाँ दूर से भी साफ साफ दिख जाती है, बाकी आब्जेक्ट्स देखने मे प्रोबलम आती है.
- ऊपर से मै बहुत कड़क और अड़ियल दिखता हूँ, लेकिन अन्दर से मै बहुत ही संवेदनशील और इमोशनल हूँ…
- प्रोफेशनली मै बहुत ही खड़ूस प्रोजेक्ट मैनेजर हूँ, सारे प्रोग्रामर्स पीठ पीछे गालियाँ देते होंगे.क्योंकि मेरा मानना है काम के मामले मे कोई कम्प्रोमाइज नही.
- साफ्टवेयर और तकनीकी मार्केटिंग मे बेहद तेज हूँ, कानपुर मे मेरे प्रतिद्वन्दी लोग मेरे बारे मे कहा करते थे, कि
“ये गंजो को पहले कंघा, फिर आईना और फिर बाल उगाने वाला तेल भी बेच सकता है.”
- व्यापार के लिये एकदम अनफिट, पिछले अनुभव तो यही बताते है, शायद कई बार दिल से डिसीजन लिये इसलिये.
- आत्मनिर्भरता के शौंक की वजह से जल्द ही अपने पैरों पर खड़ा हुआ, पढाई के साथ साथ नौकरी मे भी हाथ आजमाया.
- कहते है हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी महिला का हाथ होता है, अब मै किस किस का नाम लूँ?
- नयी चीजें सीखने की लगन. परिश्रम से कभी पीछे नही हटे…..अरे..अरे…. ये तो मै अपनी तारीफ करने लगा
- इस जीवन मे सब कुछ सम्भव है, सब कुछ………….और असम्भव?…..ये किस चिड़िया का नाम है?
- किताबों और संगीत से बेहद लगाव, संगीत मे ग़जले और हिन्दी पाप म्यूजिक से लगाव.
- शान,यूफोरिया,जगजीत सिंह और कुछ पाकिस्तानी बैन्ड बेहद पसन्द है.
- कुछ गा गुनगुना भी लेता हूँ, गाने मे किशोर दा के दर्दीले गीत बेहद पसन्द.
- क्या कहा? मेरी आवाज सुननी है, तो आइये ना ब्लागनाद पर, सुनिये शौंक से.
- ग़जलों और शेरो शायरी का बेहद शौंक, लेकिन कभी खुद नही लिखा, अब जब सुनने वाले ही लिखने लगेंगे तो सुनने वाला कौन बचेगा यार!
- दोस्त दुनिया भर मे फैले है, भारत, अमरीका और पाकिस्तान मे सबसे ज्यादा.
- सुबह सबेरे पहला काम, दोस्तों की इमेल पढना और उनका जवाब देना.
- पहनने मे कोई खास पसन्द नही, जो मिला जैसा मिल ओढ लिया.
- मेरा अपना विचार है कि हिन्दुस्तान का बँटवारा गलत था,हम जमीन का बँटवारा तो कर सकते है, लेकिन दिलों का, लोगों का और उनके
इमोशन्स का बँटवारा नही कर सकते. - भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीतिक गतिविधियों पर हमेशा नजर रहती है.
- राजनीतिक चर्चा से प्यार लेकिन राजनीतिज्ञों से बेहद चिढ, देश की तरक्की मे ये ही सबसे बढा रोड़ा बने है.
- देश के लगभग सारे हिस्सों को देखा हुआ है, सबसे ज्यादा केरल पसन्द, भोजन मे गुजराती व्यंजन काफी पसन्द.
- मै बेहद कोआपरेटिव हूँ, इतना कोआपरेटिव कि कभी कभी तो लोग शक करने लगते है.
- पहाड़ों पर छुट्टियाँ बिताना बहुत पसन्द है,लेकिन समुन्दर से भी बेहद लगाव है, घन्टों बैठकर समुन्दर की लहरों को निहारना अच्छा लगता है और गोवा तो जैसे दूसरा होम टाउन है मेरे लिये.
- मसालेदार खाना खाने मे अव्वल रहता हूँ, लेकिन क्या करें डाक्टर और पत्नी दोनो ने कन्ट्रोल कर रखा है.
- यात्राओं पर जाने का बहुत शौँक, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से अब ज्यादा यात्रायें नही करता.
- सुबह सुबह जल्दी उठना कतई नापसन्द…… लेकिन क्या करें, रोजी रोटी का सवाल है.
- हाँ आजकल रोजाना टहलने जरूर जाता हूँ, देखो कब तक चलता है ये सब.
- फेवरिट पास टाइम-पुरानी बातें याद करना.
- सपना-उस दिन का इन्तजार है, जब सभी भारतवासी हिन्दी को इज्जत देना शुरु करेंगे.
- ब्लाग लिखने का मकसद, लोगों तक अपने विचार पहुँचाना और लोगो के विचारों तक पहुँचना.
- ब्लाग लिखने के लिये कभी भी ड्राफ्ट का प्रयोग नही किया, जो जी मे आया लिख दिया, हालांकि बाद मे कई बार लगा, कि इससे भी बेहतर लिखा जा सकता था.
- आस पास की सबसे बड़ी उपलब्धि-हिन्दी ब्लागजगत के साथियों का सानिध्य पाना.
- सपने देखना बहुत पसन्द है, खासकर पिछली जिन्दगी से मुत्तालिक……
- फोटोग्राफी का भी बहुत शौँक है, आप भी देखिये मेरे कुछ फोटो कलैक्शन.
- मेरी फोटो गैलरी यहाँ है, इसमे पब्लिक कलैक्शन ही शामिल है, प्राइवेट कलैक्शन के लिये मुझे लिखें
- पार्टियाँ करने का बड़ा शौँक है, खाली टाइम ये यही सब तो करता रहता हूँ.
- मेरे ब्लाग के पात्र, अलग अलग विचारधाराओ का प्रतिनिधित्व करते है, ये असली है या नकली, इस पर मै कुछ नही कहना चाहता. अमाँ लोगो से पिटवाना चाहते हो क्या?
- जीवन मे सबसे ज्यादा प्यार अपने परिवार को करता हूँ, फिर पेशे,दोस्तों और दुनिया जहान की बारी आती है.
- बच्चों मे बच्चों जैसा बन जाता हूँ, बूढों मे बूढों जैसा और जवानो मे…….अमां अब जवानी रही कहाँ?
- मै मानता हूँ कि अनुभव ही सबसे अच्छा अध्यापक होता है.
- दुनिया मे सबसे कीमती चीज, विश्वास
6 responses to “कुछ मेरे बारे में”
[…] जीतेन्द्र दिल और दिमाग से साफ आदमी हैं.अपने बारे में कोई चीज छिपाते नहीं.आत्मविज्ञापन में पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं.जन्मभूमि से बेहद प्यार करने वाले जीतेन्द्र को कानपुर से दीवनगी की हद तक है लेकिन रहनासंभव नहीं क्योंकि धूल से एलर्जी है.हिन्दी, उर्दू,अंग्रेजी, सिन्धी, पंजाबी,अरबी और फ्रेंच भाषायें बोल लेने वाले जीतेन्द्र को हिंदी भाषा सबसे अच्छी लगती है. […]
[…] बहुत ही कम लोग ऐसे होते है जिनको अपने जन्मदिन पर दोहरी खुशियां मिलती है, हमारे भाई शशि सिंह बहुत ही भाग्यशाली है, जिन्हे ईश्वर ने अपार खुशियां प्रदान की है. सबसे पहले तो शशि भाई को जन्मदिन (१० सितम्बर) की बहुत बहुत बधाईयाँ. शशि भाई भी देबू, फ़ुरसतिया और मेरी तरह कन्या राशि वाले है. […]
Hi,
I have seen your blog and profile. I must say “man you are great”. I would like make you mine friend.
Amar
तुम्हारा ब्लग पढा । अच्छा लगा, तुम लोग ब्लग को ब्लाग क्यूं बोलते हो? शक्ल से तो तुम्हारा चेहर छ्ंटे हुये बदमाश की तरह ही है, खैर लिखते अच्छ हो । लगे रहो ।
जितु भाइ, आपकी ब्लाग देखर काफी प्रसन्नता हुइ, क्या कभी आप रेडिफ बोल मेसेन्जर के पटना रूम में गयें हैं क्या? अगर नहीं तो प्लीज आइयेगा । हमें बहोत खुशी होगी । आपका दोस्त प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी । prof.matuknath@rediffmail.com
कोशिश अच्छा है, लगे रहो ।