कल ही पता चला कि स्लमडॉग को ऑस्कर पुरस्कार मिले है, वो भी एक दो नही पूरे पूरे आठ। हमको तो पूरी फिल्म देखने के बाद भी समझ मे नही आया कि इसमे ऑस्कर के लायक क्या था। यदि हिन्दुस्तान की गरीबी ही फिल्म की गुणवत्ता को मापने का पैमाना है तो ठीक है, वरना फिल्म औसत से भी नीचे दर्जे की फिल्म है।
रहमान साहब को ऑस्कर मिला, अच्छी बात है, हमे खुशी है, लेकिन क्या रहमान साहब अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकेंगे कि यही संगीत उनका सबसे अच्छा संगीत है। यदि नही तो उस फिल्म को नामांकित क्यों नही किया गया और इस फिल्म को पुरस्कार कैसे मिला?
कुछ भी कह लो, अंग्रेजो की मानसिकता नही बदली अभी तक। हिन्दुस्तान की गरीबी पर बनी फिल्म उनको आसानी से समझ मे आती है, पिछले सालों मे एक से बढकर एक नामांकित फिल्मे उनको समझ मे नही आती। खैर….आजकल तो सभी पुरस्कार ऐसे ही दिए जाते है। अपना क्या…
आपका क्या कहना है इस पर?
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