पाकिस्तान के मशहूर शायर, अहमद फराज साहब, जिन्होने एक से बढकर एक गजले लिखी है, को सरकारी मकान से बेदखल कर दिया गया है, और उनके घर का सामान सड़क पर फेंक दिया गया है. अहमद फराज साहब जो इस समय लन्दन के दौरे पर है, ने बीबीसी को बताया कि “यह भौंडे तरीके से की गयी ज्यादती है.”
उधर पाकिस्तान के आवासीय मामलो के मन्त्री ने अपने इस कदम को पूरी तरह से कानूनी कार्यवाही करार दिया.
बहरहाल कुछ भी हो, किसी विश्व प्रसिद्द शायर की इस तरह से बेइज्जती नही करनी चाहिये. शायर साहब का सामान उनके एक दोस्त ने पास के एक गेस्ट हाउस मे पहुँचा दिया है.
हमने इस बारे मे मिर्जा साहब से प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होने मुझे अहमद फराज साहब का शेर सुना दिया, आप भी सुनिये
अब हो चला है यकीं कि हम ही बुरे है दोस्तो
किस को हमारे हाल से निस्बत है क्या कहें (निस्बतःसम्बन्ध)
आंखे तो दुश्मन की भी पुरनम है दोस्तो (पुरनमःभीगी)
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