मेरा पन्ना की तरफ़ से मुम्बई के आतंकवादी हमलो मे मारे गए मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि। ईश्वर मृतको के परिवार को यह भारी गम सहने की शक्ति प्रदान करे। आज मन बहुत व्यथित है, ढेर सारा आक्रोश है, इसलिए ज्यादा कुछ लिखने का साहस नही कर सकता, क्योंकि यदि अभी लिखा तो शब्दों मे नियंत्रण खो दूंगा।
शाबास जवानो
भारतीय सेना के कमांडो, एसटीएफ और मुम्बई पुलिस के जवानो को बहादुरी का परिचय देने के लिए ढेर सारी बधाईयां। सचमुच इनकी वजह से ही हम सुरक्षित है, नही तो ये नेता 5000 का आंकड़ा, ग्लिसरीन और रुमाल लेकर तैयार बैठे थे। साथ ही मै एसटीएफ़ शहीद उन्नीकृष्णन के पिता के साहस की प्रशंसा करना चाहूंगा जिन्होने केरल के मुख्यमंत्री को घर से बाहर का रास्ता दिखाया।
लानत है :
केंद्रीय गृह मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री और गृह मंत्री, जो इतनी सारी जानकारी होने के बावजूद मुम्बई को बचा नही सके। इनके भरोसे रहेंगे तो ये लोग देश को बेच खाएंगे। जागो भारतवासियों, कब तक हम इनके चंगुल मे फंसे रहेंगे?
चलते चलते :
एक टीवी चैनल के अन्दर का दृश्य :
चैनल मालिक (प्रोड्यूसर से): मिश्रा जी, इतने दिनो से विज्ञापन नही दिखाए है, लाइव टेलीकास्ट कब तक दिखाएंगे। इतना घाटा कैसे कवर करेंगे? भले ही कच्छे बनियान वाले विज्ञापन अभी मत दिखाइए। लेकिन बड़ी कम्पनियों के विज्ञापन शुरु करवाइए। इस हमले के चक्कर मे हमारा चैनल बन्द ना हो जाए।
प्रोड्यूसर : सर जी! आप चिंता मत करें। हमने कमाई का नया इंतजाम ढूंढ लिया है। हम देशप्रेम के नाम पर लोगों से एसएमएस मंगवाएंगे। अपना घाटा पूरा हो जाएगा। वैसे भी लोग बहुत भावुक है, देशप्रेम के नाम पर हजार हजार एसएमएस भेजेंगे।
चैनल मालिक : तो फिर जल्दी से चलवाइए ना, अब तो हमले को तीन दिन बीत चुके है, अब तो थोड़े थोडे़ विज्ञापन दिखना भी शुरु कर दीजिए।
प्रोड्यूसर : जी जनाब! आज ही शुरु करवाते है।
(आगे की आप खुद जानते है।)
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