आप सभी ने गुरुदत्त साहब की फिल्म प्यासा तो जरूर देखी होगी, उसी के एक गाने पर प्रस्तुत है एक कम्पयूटर पैरोडी.इसका अंग्रेजी वर्जन मेरे दोस्त एसवी के ब्लाग पर देखें
ये डाक्यूमेन्ट,ये मीटिंग ये फीचर्स की दुनिया
ये इन्सान के दुश्मन कर्सर की दुनिया
ये डैडलाइन के भूखे मैनेजमेन्ट की दुनिया,
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाये तो क्या है?
यहाँ एक खिलौना है प्रोग्रामर की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा बगफिक्सर की बस्ती
यहाँ पर तो रेसेस है इन्फलेशन से सस्ती
ये रिव्यू अगर हो भी जाये तो क्या है?
हर इक कीबोर्ड घायल, हर इक लागिन प्यासी
एक्सेल मे उलझन, विनवर्ड मे उदासी,
ये आफिस है या आलम ए माइक्रोसाफ्ट की,
ये रिलीज अगर हो भी जाये तो क्या है?
जला दो इसे फूँक दो ये मानिटर मेरे सामने से
हटा डालो ये माडेम तुम्हारा है तुम्ही सम्भालों
ये कम्पयूटर ये प्रोडक्ट अगर चल भी जाये तो क्या है.
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाये………..
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