Month: December 2004
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तुमने दिल की बात…..
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तुमने दिल की बात कह दी आज ये अच्छा हुआ हम तुम्हें अपना समझते थे बड़ा धोखा हुआ…
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अकबर इलाहाबादी की कुछ गजलें.
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हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की…
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वर्डप्रेस को अपने वैब सर्वर पर स्थापित करना
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सबसे पहले तो वर्डप्रेस के लिये mySQL मे डाटाबेस क्रियेट करें. एक नया यूजर क्रियेट करे और उसको…
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हम तो हैं परदेस में…..
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हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा…
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महफिल ए मजरूह
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हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह इस कू-ए-तिश्नगी में बहुत है कि…
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जनाब कतील शिफाई की कुछ गजलें
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अपने हाथों की लकीरों में बसाले मुझको मैं हूं तेरा नसीब अपना बना ले मुझको मुझसे तू पूछने…
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असर उसको ज़रा नहीं होता….
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असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत फ़ज़ा नहीं होता तुम हमारे किसी तरह न हुए वर्ना दुनिया…
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