अमां ये फिल्म का टाइटिल नही है, ये तो खुराना साहब का तकिया कलाम होना चाहिये। कौन खुराना अरे वही मदन लाल खुराना, जिनको बीजेपी ने दिल्ली से दूर रखने की भरसक कोशिश की, और राजस्थान का राज्यपाल बनाकर भेजा, वहाँ भी खुराफात करके, वसुन्धरा राजे की नाक मे दम कर दिए थे, वही वाले। पिछली बार बड़बोलेपन के चक्कर मे बीजेपी से सस्पेन्ड करके साइडलाइन कर दिए गये थे, लेकिन फिर से शुरु हो गये है, इस बार बहन उमा भारती के चक्कर मे, उनकी शक्ति प्रदर्शन रैली मे भाई का धर्म निभाने जा रहे है। यार ये राजनीतिज्ञ पचास के बाद रिटायर काहे नही हो जाते, आए दिन खामखां पार्टी को परेशान करते रहते है।समाचार मिलने तक खुराना फिर बीजेपी से निकाल दिए गये हैं।
शक्ति प्रदर्शन पर याद आया, राज ठाकरे ने भी शक्ति प्रदर्शन किया वो भी शिवाजी पार्क मे, जुटने वाली भीड़ से तो यही लगता है कि उद्दव के बुरे दिन शुरु हो गये है। शायद कुछ दिन तक उद्दव ठाकरे को रात मे नींद ना आए।राज ठाकरे की भाषण शैली भी एकदम चाचा, बाल ठाकरे पर गयी है।अब ऐसा क्या है जो भतीजा सीख गया और बेटा नही सीख सका।आगे आगे देखिए होता है क्या।
अब एक बुरी खबर, अपने इमरान हाशमी ने ऐलान कर दिया है, अब वो फ़िल्मों मे किसिंग सीन नही करेंगे। अपने इमरान हाशमी सीरियल किसर के नाम से मशहूर है। सच पूछो तो कभी कभी हमे भी बहुत जलन होती है इमरान हाशमी से। अब महेश भट्ट की फिल्मों का क्या होगा? उदिता गोस्वामी और मल्लिका शेरावत किसको किस करेगी? लेकिन यार देखा जाए तो इमरान हाशमी बहुत अनलकी रहा, जिस हिरोइन को इसने किस किया, उसकी किस मत का मत पूछे, हिरोईन चाहे जितने कपड़े उतारे हो,फिल्म हाल मे लगी कब और कब उतरी पता ही नही।
अरे हाँ फिल्म से याद आया, कल पता नही किस झोंक मे मैने फिल्म होम डिलीवरी देखने की कोशिश की। आप ट्राई मत करियेगा, यदि करियेगा तो अपने रिस्क पर।यदि आप मेरे ब्लॉगर भाई ना होते तो मै बोलता बहुत सही फिल्म है भीरू देखना जरुर। लेकिन यार, मेरे से पाँच मिनट भी नही झेली गयी, पता नही कौन सा धतूरा खाकर फिल्म बनायी गयी थी, एक सीन का दूसरे सीन से कोई लिंक ही नही है, स्टोरी ढूंढने निकलो, खजाना शायद मिल जाए, स्टोरी नही मिलेगी, रही बात कलाकारों की, यदि किसी को देखना है कि इतने सारे भांड ओवर एक्टिंग कैसे कर सकते है तो इस फिल्म को देखो। मेरे विचार से इस फिल्म को किसी विदेशी फिल्म फेस्टीवल मे भेजना चाहिये, शायद चैकोस्लोवाकिया वगैरहा मे कोई समझ सकें, वैसे उम्मीद बहुत कम है।
देखने से याद आया, एक दो दिन पहले ही मिस इन्डिया का प्रोग्राम देखा। साला हर जगह राजनीति हो रही है, अब कहना तो नही चाहिए, लेकिन कहना पड़ रहा है, मिस इन्डिया नेहा कपूर से अच्छी अच्छी लड़कियों को इग्नोर बनाकर इसे मिस इन्डिया बनाया गया। काहे? अबे ये सब करना था तो लाइव काहे दिखाते हो, कमरे मे बैठकर डिसाइड करो। वैसे भी इन सबसे कुछ होना हवाना तो है नही, मल्टी नैशनल कम्पनियों का खेल है ये सब, हम तुम इस पचड़े मे काहे पड़े।
अब जाते जाते क्रिकेट की बात नही करेंगे तो हमारे क्रिकेट स्वामी हमको बहुत गरियाएंगे। मुम्बई टेस्ट मे सहवाग और तेन्दुलकर फिर फेल हो गये है(? पास कब हुए थे? सचिन तो बहुत समय से झिला रहा है और सहवाग तो सप्लीमेन्ट्री मे पास हुआ है)। सहवाग और सचिन के लिये इस पोस्ट का टाइटिल बहुत मुफ़ीद रहेगा। हम नही सुधरेंगे। बेचारा राहुल अकेला।
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