जी हाँ, सभी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि अपना हाथ और अंगुलियां बचाकर रखे।
लेकिन भाई खतरा किस से है?
अपनी पत्नियों से। और नही तो क्या।
जी हाँ आप सभी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि अव्वल तो अपने हाथ और उसकी प्रत्येक अंगुली का बीमा करा लें। उसके बाद जब भी आपकी पत्नी, आपको बोले कि ब्लॉगिंग बन्द तो ब्लॉगिंग तुरन्त बन्द करिए। नही तो ऐसा ना कि इन जनाब की तरह आपको बाद मे पछताना पड़े।
किस्सा कुछ इस प्रकार है कि चीन मे एक जनाब इन्टरनैट के लती थे, अक्सर अपनी नैट सहेलियों से चैट किया करते थे (शुकुल सम्भल जाओ अब।) सोते जागते, उठते बैठते बस इन्टरनैट ही इन्टरनैट। उनकी पत्नी, इनकी इस आदत से बहुत परेशान थी। वो करे भी तो क्या करें। घर पर इन्टरनैट देखना बन्द किया गया तो ये जनाब इन्टरनैट कैफ़े मे जाकर फिर वही चैट पर लड़कियों से बातचीत शुरु कर दिए। पत्नी ने इन महोदय का पीछा किया और इन्हे इन्टरनैट कैफ़े मे रंगे हाथो (चैट करते हुए यार!, चीन है, इन्डिया थोड़े ही है, जो कैफ़े के अनेक इस्तेमाल होंगे) पकड़ लिया। बस जी फिर क्या था पत्नी ने कैफे में ही उसका हाथ काटा डाला। ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी। है ना। पूरा समाचार यहाँ पर पढ लीजिए।
अब आप लोग भी ध्यान रखिएगा, कंही ऐसा ना हो, आपके हाथ को भी……
चलते चलते :भाभीजी द्वारा शुकुल का घर का इन्टरनैट (दो दिन के लिए ही सही) बन्द किया जा चुका है, अब भी अगर ये ना सुधरे तो अगले चरण मे ………..(समझ गए ना)
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