आज ही मै अपने पुराने आडियो कलेक्शन को व्यवस्थित कर रहा था, तो अचानक आशा भोंसले जी की गज़लो का कलेक्शन दिख गया. उसमे से ये गज़ल बहुत ही शानदार थी. वैसे भी आशा जी की आवाज मे एक जादू है, एक कशिश है, जो आपको सुनने पर मजबूर करती है.
सलोना सा सजन है और मैं हूँ
जिया में इक अगन है और मैं हूँ
तुम्हारे रूप की छाया में साजन
बड़ी ठण्डी जलन है और मैं हूँ
चुराये चैन रातों को जगाये
पिया का ये चलन है और मैं हूँ
पिया के सामने घूँघट उठा दे
बड़ी चंचल पवन है और मैं हूँ
रचेगी जब मेरे हाथों में मेंहदी
उसी दिन की लगन है और मैं हूँ
आप भी सुनिये
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