संजय लीला भंसाली एक जबरदस्त और मेहनती डायरेक्टर हैं। इस बार उन्होंने सभी बेरोजगारों को काम दिया है, सबका साथ सबका विकास। परिणाम एक शानदार वेब सीरीज, जिसके भव्य सीन देखते देखते आप उनकी खूबसूरती में ही खो जाएंगे। शानदार सेट, जानदार एक्टिंग और लाजवाब फोटोग्राफी… लेकिन…
हाँ जी, सिर्फ अकेले सेट से काम नहीं चलता जी! स्क्रिप्ट ढीली है, एडिटिंग वाला सेट देखते देखते सो गया। ऐक्टिंग में रिचा चढढा और इंद्रेश मलिक (उस्ताद जी) सब पर भारी पड़े हैं। कहानी लाहौर की है, बोली लखनऊ की, पंजाबी, सिंधी और बलोची की कमी खली। फिर भी सीरीज देखने लायक है।
Sanjay Leela Bhansali’s latest, “Heeramandi,” is a visually stunning spectacle. Mindblowing sets, intricate costumes, and captivating dance sequences transport viewers to a bygone era of courtesans and courtesans’ houses in 1920. But its beauty remains surface-level. If you’re seeking a rich historical dram, you will be disappointed. The series struggles to balance this visual grandeur with a compelling narrative. Positive side is Art Direction, Performances (specially Manisha Koirala, Richa Chadha, Aditi Rao Haidri and Sonakshi Sinha). Dance sequences, Direction, Photography.
Downside : Slow Speed, technical glitches, misfit characters, boring sometimes, gaps in the script, no clear narrative.
Verdict : Don’t miss
My rating 3.5 out of 5 🌟 🌟 🌟 ✨
Extra half star for Ustaad ji 😍💕
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