वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के मृतकों के लिए मौन

साथियों,

जैसा कि आपको पता है अमरीकी विश्वविद्यालय : वर्जीनिया टैक यूनिवर्सिटी मे पिछले दिन एक बंदूकधारी छात्र ने अंधाधुंध फायरिंग करक ३३ लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसका विस्तृत समाचार आप यहाँ पर देखें। हमारे ब्लॉगर भाइयों ने भी इसका कवरेज किया है। इस कांड मे मृतक लोगों की याद मे सम्पूर्ण (अंग्रेजी) ब्लॉग जगत ३० अप्रैल २००७ (दिन सोमवार) को एक दिन का मौन रख रहा है। इस दिन कोई भी ब्लॉग नही लिखा जाएगा।

Silence can say more than a thousand words.

This day shall unite us all about this unbelievable painful & shocking event and show some respect and love to those who lost their loved ones.




इस बारे मे ज्यादा जानकारी
यहाँ देखिए।

इन छात्रों को श्रद्दांजिली देने का यह बेहतर तरीका होगा। क्या आप भी इसमे शामिल होना चाहते है। यदि हाँ तो यहाँ पर इस बारे मे ज्यादा जानकारी है। सभी हिन्दी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि इस ब्लॉग मौन मे शामिल हो। कन्धे से कंधा मिलाए।

11 responses to “वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के मृतकों के लिए मौन”

  1. pankaj बेंगाणी Avatar
    pankaj बेंगाणी

    ji tau, sukriya batane ke liye. 🙂 hamara bhi samrthan hai

  2. समीर लाल Avatar

    हम शामिल हैं.

  3. अभय तिवारी Avatar

    जो हुआ दु:खद हुआ..पर हमारे अपने देश में ही इतनी ढेरों ढेर मुसीबतें समस्याएं और आपदाएं हैं और उसमें बाकी दुनिया को भी जोड़ दें.. और हम प्रत्येक पर मौन रहें तो ब्लॉग लिखने के अवसर कम आयेंगे.. मेरी निजी राय ये है कि हमें मौन रहने की नहीं खुल के बोलने की ज़रूरत है.. अभी भी हम तमाम मुद्दों पर विवाद के भय से मौन साधना उचित समझते हैं..
    ..बाकी जो आम सहमति बने..

  4. Amit Avatar

    और मैं तो वैसे भी नहीं लिखता हूँ!! 😉 बल्कि यूँ कहें कि इस दिन कोई टिप्पणी भी नहीं करे। 🙂

  5. जगदीश भाटिया Avatar

    सही निर्णय। नारद पर भी इसकी सूचना लगा दी जाये तो अच्छा।

  6. Rajesh Roshan Avatar

    Hame bhi maun raha chahiye. 🙁

  7. शैलेश भारतवासी Avatar

    जीतू भाई,

    वर्ज़ीनिया यूनिवर्सिटी के मृतकों के शोक में सोमवार (३० अप्रैल, २००७) को हिन्द-युग्म पर भी कोई पोस्ट नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, फिलहाल चिट्ठाकारों के वश में कुछ नहीं है।

  8. श्रीश शर्मा 'ई-पंडित' Avatar

    अच्छी बात है, मैं सहमत हूँ।

  9. v9y Avatar

    जीतू,

    हालाँकि ये सच है कि जो हुआ है उसका कितना भी अफ़सोस किया जाए कम लगता है. और ये भी कि मुझे दो रातों से सपने में यह मंज़र दिख रहा है और परेशान कर रहा है.

    पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन से मेरी सहमति नहीं है. एक तो इसलिये कि इंटरनेट पर मौन प्रदर्शन मुझे थ्योरी में ही अटपटा लगता है. दूसरे इसलिये भी कि ऐसे मौन रखने पर तो साल भर लिखना ही दूभर हो जाएगा. इराक़ में तो लगभग रोज़ इससे ज़्यादा लोग मर रहे हैं. और अगर भारत में ही देखें तो सूनामी और विदर्भ के किसानों की आत्महत्याओं को ये संवेदना क्यों नहीं मिली.

    अगर व्यक्तिगत स्तर पर यह निर्णय हो तो उसमें कुछ गलत नहीं है. बस उम्मीद यही है कि सामूहिक मंचों (नारद आदि) पर ऐसा कुछ नहीं किया जाएगा.

  10. Tarun Avatar

    अगर कुछ करना ही है तो ३० अप्रैल के दिन अगर सारे ब्लागर गन को आसानी से उपलब्ध कराने को लेकर विरोध में लिखते तो ज्यादा कारगर होता।

    ईराक में हर दिन ५०-१०० के बीच मर रहे हैं उनके लिये मौन का क्या? 🙁

  11. जीतू Avatar

    सभी साथियों का टिप्पणी के लिए धन्यवाद।
    भई मेरे को जो दिखा, सही समझ मे आया आपके सामने रखा, कोई जरुरी नही है कि आप मेरे विचारों से सहमत हो। आप अपने ब्लॉग पर लिखने ना लिखने के लिए स्वतंत्र है।

    बस एक बात ही कहना चाहता था कि मृतकों को श्रद्दांजिली मौन रहकर ही दी जाती है। मेरा पन्ना ३० तारीख को नही लिखा जाएगा, बाकी लोग अपने स्तर पर स्वयंविवेक से निर्णय लें।

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