अरे जनाब ये हम नही कह रहे है। ये तो यूपीए सरकार कह रही है इन्कम टैक्स अधिकारियों से कि वे बेफिक्र होकर जनता को लूटें उन पर कोई कार्यवाही नही की जाएगी।इस तरह से तो लूटपाट करने मे होड़ लग जाएगी। दूसरी तरह से देखा जाए तो ये लूटपाट का लाइसेन्स ही है। काश! पिताजी मान गए होते तो मै भी आज इस लूटपाट मे शामिल होता। अब पछताए का होत, जब चिडिया चुग गयी खेत। खैर आपको चिड़िया और खेत से क्या लेना देना, आप तो बस पूरा समाचार पढो।
अब अकेले आयकर वाले लूट रहे है ये कहना तो सरासर गलत होगा।कोल्डड्रिंक बनाने वाली कम्पनियां भी लूट रही है, लेकिन यह लूट अलग तरह की है। कोल्डड्रिंक बनाने वाली कम्पनियों हमारे पेट मे पलने वाले कीड़ों को मारने का भी बीड़ा उठाया है यही सोच कर बेचारे कोल्डड्रिंक मे कीटनाशक डालते है। अब थोड़ा बहुत नाप तोल मे गड़बड़ हो तो ही जाती है।इसमे सीएसई बवाल कर देती है।तीन साल पहले भी हंगामा मचा चुके सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने बुधवार को फिर दावा किया कि देश के 12 राज्यों से जुटाए कोल्ड ड्रिंक्स के 11 ब्रांडों के 57 नमूनों में कीटनाशक और प्रतिबंधित रसायन मिले है।
आपको याद होगा, तीन साल पहले जब बवाल मचा था तो सबसे पहले संसद सद्स्यों ने अपने यहाँ कोल्डड्रिंक बन्द करवायी थी। आखिर उनको अपने स्वास्थ्य की सबसे ज्यादा चिन्ता जो है। फिर संसद मे हंगामा हुआ और सरकार ने हमेशा की तरह सर्वदलीय समिति बनायी, अपने शरद पवार की अध्यक्षता मे। उसके बाद? उसके बाद सर्वदलीय समिति ने कोल्ड ड्रिंक पी पी कर यह निष्कर्ष निकाला कि हाँ भाई, कुछ तो है।फिर क्या हुआ? फिर क्या उन्होने सरकार को अपनी रिपोर्ट दी। फिर? अबे फिर फिर क्या पूछते हो? सरकार के पास सिर्फ़ एक यही काम है क्या जो कार्यवाही करती रहे।उनको वामपन्थियों और लालू को भी सम्भालना होता है, अमरीका की हाँ मे हाँ मिलानी होती है, वो जरुरी कि ये जरुरी? इसीलिए सरकार भी रिपोर्ट पर सो गयी। अब क्या होगा? होगा क्या थोड़े दिन बवाल मचेगा, फिर किसी दिन आमिर खान आकर बोलेगा, देखो मै तो रोज पीता हूँ, मुझे कुछ नही हुआ। फिर धीरे धीरे लोग बाग भी पीना शुरु कर देंगे। या फिर कोल्ड ड्रिंक कम्पनियां अपने रेट और बढाएंगे, कहेंगे कि हम आपको कोल्डड्रिंक के साथ साथ कीटनाशक भी दे रहे है, इसलिए कीटनाशकों के लिये अलग से पैसे दो।इसका मतलब कुछ नही होगा? नही होगा क्यों नही…फिर सर्वदलीय समिति…फिर रिपोर्ट…..वगैरहा वगैरहा।अबे यही लोकतन्त्र है। तुम अपनी मर्जी करो, हम अपनी मर्जी करेंगे।
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