पिछले लोकसभा चुनाव के पहले लालजी टंडन फंसे थे..साड़ियां बाँटने मे, इस बार लालू जी फंस गये
अब ये भी कोई बात हुई…….. एक टेलीविजिन चैनेल ने दिखाया है कि लालू प्रसाद सौ सौ के नोट बाँट रहे थे, गरीब जनता मे…कि जाओ मिठाई खाना और चुनावी रैला मे जरूर आना….अब लालू प्रतिद्वंदियो को मौका मिल गया घसीट लिया कि यह तो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है…और मामला चुनाव आयोग तक पहुँच गया है…..अब लालू से जवाब देते नही बन रहा है….पेश है कुछ जवाब, लालूजी अगर आप या आपके चाहने वाले ये ब्लाग पढ रहे हो तो इनमे से कोई भी जवाब का इस्तेमाल कर ले….और साफ छूट जाये.
चुनाव आयोग और बीजेपी वाले पूछ रहे है कि लालू सौ सौ के नोट क्यों बाँट रहे थे…..जवाब हाजिर हैः
- इन लोगो ने डालर के छुट्टे मांगे थे.
- नयी फिल्म की शूटिंग की रिहर्सल कर रहे थे.
- इसी टीवी चैनल वाले ने कहा था कि ऐसा करों ताकि हमारे चैनल के एक्सल्यूसिव कवरेज मिले.
- कई साल पहले जब मै पहली बार इस क्षेत्र मे आया था तो इन्ही लोगो के पुरखों ने मुझे दस दस रूपये दिये थे, सो मै आज सौ सौ करके लौटा रहा हूँ, सो पुराना कर्जा चुका रहा था.
- हमने इन गरीब लोगो के साथ मिल कर एक चिट फन्ड कम्पनी खोली है, और इन सबको लकी ड्रा निकला है, सौ सौ रूपये के इनाम का, वही बांट रहा हूँ.
- आजकल नकली नोट प्रचलन मे है…इसलिये नकली और असली नोटो मे फर्क बता रहा थे.
- चूरन वाले नोट थे……कोई घूस थोड़े ही थी.
- ये लोग खैनी बहुत अच्छी बनाते है… इसलिये खैनी खरीदने के लिये एडवान्स दे रहे थे.
- सब्जी और फूल वगैरहा सप्लाई करने का पेमेन्ट कर रहे थे.
- आजकल सिक्के बाजार से गायब है, इसलिये सौ सौ रूपये देकर, सिक्को के पैकैट ले रहा था.
- लालजी टंडन जैसा नेता, मेरे से आगे कैसे निकल सकता है, उसने साड़ी दी तो मैने पैसे दिया…क्या बुरा किया.
- अपनी जेब से पैसे दिये, अपनी जनता को दिये, आप लोगों के पेट मे दर्द क्यों.
- अशोक चक्र का महत्व समझा रहा था.
- मै था ही नही……..मेरे जैसा कोई बहरूपिया था.
- और आखिरी मगर ठेठ बिहरिया जवाबः “का हो.. कमीशनबाबू……इत्ता चिल्लाये काह रहे हो….जब देखो बकर बकर…अरे सौ सौ का नोटवा हि तो दिये है, कोनौ खजाना थोड़े ही लुटाये दिये है….हम ना दैबे तो का तोहार माइ आकर बटिहै?”.
आपके पास और कोई जवाब हो तो जरूर बतायें.
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