लाभ के पद से जुड़ा विवाद थमने का नाम ही नही ले रहा है। अब थमें भी क्यों, बैठे बिठाए जया बच्चन की सदस्यता खत्म कर दी गयी।ये सीधा सीधा राजनैतिक वार था, कांग्रेस का समाजवादी पार्टी पर। समाजवादी पार्टी भी चुप नही बैठी, शुरु हो गयी बहस।एक के बाद राजनैतिक दल एक दूसरे की परतें खोलते चले गए या कहा जाए तो एक दूसरे के कपड़े उतारते चले गये, बाद मे पता चला, यहाँ तो सभी नंगे है, इस हमाम में।
इधर कांग्रेस आलाकमान को जब पता चला कि कुर्सी नही बचने वाली तो तपाक से इस्तीफ़ा दे दिया, अबे अब काहे दिया, पहले क्यों नही। बस फिर शुरु हो गया त्याग की देवी टाइप का झिलाऊ ड्रामा।दस जनपथ आजकल ड्रामे का स्टेज दिखता है।उधर बेचारी सीपीएम( सबसे ज्यादा इसी के सांसद फ़सेंगे, इस पचड़े में) ना कुछ कह पा रही है और ना कुछ डिसीजन ले पा रही है।अब सभी कांग्रेसी एक स्वर मे सोनिया महिमा गा रहे हैं। लेकिन चुपके से उस बन्दे को भी ढूंढ रहे है, जिसने इस पचड़े को पिटारे से निकाला। जाहिर है वो और कोई नही कोई एक कांग्रेसी महिला नेता ही है जो अमर सिंह से खार खाए हुए है नाम का आप खुद अन्दाजा लगा लीजिए।
आखिरी समाचार मिलने तक सारी पार्टियां इस पर कानून बनाने पर सहमति बनाने में जुट गयी है, मतलब तुम भी खाओ हम भी खाए, जन-सेवा गयी तेल लेने।
जाते जाते थोड़ी गुजराती का ट्रायल (आलोक भाई के गिरगिट के सौजन्य से)
લાભ કે પદ સે જુા વિવાદ થમને કા નામ હી નહી લે રહા હૈ અબ થમેં ભી ક્યોં, બૈઠે બિઠાએ જયા બચ્ચન કી સદસ્યતા ખત્મ કર દી ગયીયે સીધા સીધા રાજનૈતિક વાર થા, કાંગ્રેસ કા સમાજવાદી પાર્ટી પર સમાજવાદી પાર્ટી ભી ચુપ નહી બૈઠી, શુરુ હો ગયી બહસએક કે બાદ રાજનૈતિક દલ એક દૂસરે કી પરતેં ખોલતે ચલે ગએ યા કહા જાએ તો એક દૂસરે કે કપે ઉતારતે ચલે ગયે, બાદ મે પતા ચલા, યહાઁ તો સભી નંગે હૈ, ઇસ હમામ મેં
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