नामी ब्लॉगर, इन्डीब्लॉगीज विजेता, सबसे पुराने ब्लॉगरों मे से एक अतुल अरोरा जो रोजनामचा और लाइफ़ इन ए एचओवी लेन के नाम से ब्लॉग लिखते है। काफी दिनो से चिट्ठाजगत से लापता थे। अतुल भाई के बारे मे बता दें ये हिन्दी ब्लॉगजगत मे सबसे अच्छे लिख्खाड़ो मे से एक माने जाते है। लेकिन ये बहुत बड़े मूडी लेखक है, बिना मूड बने लिखते नही। एक और बात और जब जब इनको भाभी जी एलाऊ करती है तब तब ये ब्लॉग लिखते है। हास्य रस के लेख लिखने मे इनका कोई सानी नही, हमारे घर मे भी सभी इनके लेख सबसे पहले पढते है। हम खुद ही इनके लेखन के मुरीद है। आप भी एक बार इनका लिखा पढ लो, कसम उड़ान छल्ले की, आप भी इनके लेखन के मुरीद ना बन जाओ तो कहना। अतुल भाई, अमरीका के निवासी है। लेकिन कई दिनो से वहाँ से लापता थे, खुद अमरीकी भी इनको बेसब्री से ढूंढ रहे है लेकिन ये कंही भी ढूंढे नही मिल रहे। आज अचानक गूगल बाबा की कृपा से पता चला कि उनको हिन्दुस्तान के कानपुर शहर मे बेचैनी से टहलते हुए देखा गया है। इनके चेहरे पर हवाइयां ज्यादा उड़ी हुई थी, इसलिए हमने चेहरा नही दिखाया। अतुलवा बेचैन इसलिए है कि उनके पास अनूप शुक्ला का सम्पर्क पता/फोन नही था। (वैसे जानकार सूत्रों का मानना है कि इनको अगर अनूप शुक्ला फुरसतिया का नम्बर मिल गया तो, इनकी मुलाकात होके रहेगी और मुलाकात होगी तो उसके बाद अनूप शुक्ला ही बेचैन रहेंगे, क्योंकि ये अपनी बेचैनी अनूप शुक्ला को ट्रांसफ़र कर देंगे।)
हमने अपना दोस्ती का फर्ज निभाते हुए इनको शुकुल(अनूप) का नम्बर टिका दिया है, अब ये दोनो आपस मे एक दूसरे को झेलें। दोनो महानुभावों से निवेदन है कि अपनी मुलाकात का खुलासा ब्लॉग पर यथाशीघ्र करें और हमारा ठग्गू के लड्डू का पैकेट कुवैत पार्सल कर दें। कानपुर के बाकी ब्लॉगर (वैसे अनूप सबको जुटा ही लेंगे) मिलकर एक ब्लॉगर मीट रखें और अतुलवे की भारत यात्रा सफ़ल करें।
Leave a Reply