एल्लो जी! इराक वाले पत्रकार ने तो बुश को जाते जाते जूते ईनाम मे दे दिए। अब बुश मियां बिन बुलाए जाओगे तो ऐसे ही होगा। हुआ यूं कि बुश साहब अचानक इराक पहुँचे और वहाँ पहुँच कर एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित किया। वैसे भी अरब जगत मे बुश साहब की कोई खास इज्जत नही है। सो एक पत्रकार ने मौके का सही फायदा उठाया और बुश साहब की तरफ जूता उछाल दिए, पहले वाले मे तो बुश साहब फुर्ती काम आयी और सही मौके पर वो झुक गए। लेकिन जनाब एक जूता किस काम का, सो पत्रकार महोदय ने दूसरा जूता भी बुश साहब की तरफ उछाल दिया। लो जी आप खुद पूरा किस्सा पढो ।इसे कहते है मेहमान नवाजी। काश हम लोग भी भारतीय नेताओं की इतनी इज्जत कर सकते।
अब एक और किस्सा सुनिए, ये किस्सा हांगकांग का है। एक जनाब को फोटो खींचने का बड़ा शौंक था, वो भी ऐसी वैसी नही, नंगी नहाती औरतों का। मतलब पड़ोस वाली आंटी के नहाते हुए फोटो खींचने का। ये जनाब अपनी बॉलकनी मे टँगे रहते और जहाँ तहाँ पड़ोसियों के बाथरुम की खिड़कियों पर नजरे गड़ाए रहते। जहाँ चाह वहाँ राह….ऐसा वैसा मत समझो यार! फोटो खींचने की राह। जैसे ही इनको मौका मिलता औरतों की फोटो खींच लेते, लेकिन एक दिन इनको ये शौंक महंगा पड़ गया। अब महिलाओं की बददुवा कहें या फिर खुदा का कहर, ये जनाब फोटो खींचते खींचते इतने खो गए कि बॉलकनी से लटकते हुए, कदम आगे बड़ा दिए, फिर? फिर क्या, टपक गए नीचे। लेकिन उठे नही, एक पेड़ मे अटक कर जान बच गयी। अब ये क्या करेंगे? करेंगे क्या, थोड़े दिन पछतावा फिर वही रुटीन वर्क, इंसान की फितरत थोड़े ही बदलती है। बाकी का समाचार आप खुद पढ लो।
वैसे गलत काम करने वालों का खुदा का कहर, एक ना एक दिन जरुर बरसता है। जिन पर खुदा कहर नही बरफाता, उन पर भूत हमला कर देते है। भूत? हाँ भाई। एक और किस्सा सुनो, मलेशिया का है, एक चोर एक घर मे चोरी करने घुसा। घर के निवासी छुट्टियां मनाने बाहर चले गए थे। इन चोर महोदय की तो मौज, आराम से चोरी की, लेकिन जैसे ही घर से बाहर जाने लगे, एक भूत ने रास्ता रोक लिया और इनको जम के पीटा । जब भी चोर भागने की कोशिश करता, भूत भाई इनको मारते पीटते लेकिन दिखाई नही पड़ते। बेचारा भूखा प्यासा कमरे मे बन्द रहकर, भूत से मार खाता रहा। ये तो गनीमत है कि तीन दिन बाद घर के मालिक लौटे उन्होने चोर को भूत से बचाया और पुलिस के हवाले कर दिया। विश्वास नही आता? लो जी पूरी खबर खुद पढ लो। लेकिन यार! सवाल ये है कि ये भूत सिर्फ मलेशिया मे ही या कभी भारत की ओर भी रुख करेगा। आप भी अपने विचार व्यक्त करिए।
चलते चलते : मेरा पन्ना पर टिप्पणी करने वालों के लिए एक तोहफा। आप टिप्पणी करिए और अपने ब्लॉग का पता सही सही भरिए, हम आपके ब्लॉग की आखिरी पोस्ट का लिंक यहाँ दिखा देंगे। इससे आपके ब्लॉग को कुछ और पाठक मिलेंगे। है ना सही चीज? तो फिर देर किस बात की है, शुरु हो जाइए। आते रहिए और पढते रहिए, आपका पसन्दीदा ब्लॉग “मेरा पन्ना” ।
Leave a Reply