बीजेपी मे उठापटक

आखिरकार उमा भारती की तिरंगा यात्रा समाप्त हो ही गयी. कहते है अन्त भला तो सब भला. तिरंगा यात्रा समाप्त होने पर बीजेपी मे सभी ने राहत की सांस ली.

क्यो भाई? अरे यार उमाजी ने इसलिये कि अटळजी अमृतसर पहुँचे और उनकी यात्रा की कुछ तो इज्जत रही,वैंकयाजी ने इसलिये कि उन्होने उमाजी के कद को ज्यादा बड़ने नही दिया.अटलजी ने इसलिये कि वैंकयाजी के रोकने के बावजूद वे यात्रा के समापन पर पहूँचे. सुषमाजी ने इसलिये कि उनकी अन्डमान यात्रा को ज्यादा महत्व मिला.अब तिरंगा यात्रा तो समाप्त हो गयी लेकिन इसके औचित्य पर वाद विवाद होता ही रहेगा.

एक बात तो साफ दिखी कि अटळजी उमा से खफा थे, उन्होने पूरे समय उमा से बात नही की,लेकिन वे बहुत पुराने राजनेता है, जानते है घर का मैला सड़क पर नही धोया जाता.इसलिये मीडिया को हवा तक नही लगने दी. जाते जाते अटळजी ने उमा को तो नसीहत तो दे ही दी, कि अपनी महत्वाकान्क्षा को अपने वश मे रखे.

लेकिन बीजेपी मे बाकी लोगो को कौन समझाये.अब प्रमोद महाजन को ही ले, जो महाराष्ट्र मे अज्ञातवास भोग रहे है और जिनका अरूण जेटली से छत्तीस का आँकड़ाँ है, ने फिर अपने खुन्नस निकाली है, इस बार अरूण जेटली को महाराष्ट्र मे चुनाव प्रचार के लिये नही बुलाया गया है, क्यो? अरे भाई , ताकि जीतने पर अरूणजी सफलता मे हिस्सा न बटाँ सके…………….. लेकिन अगर हार गये तो……….मत बोलिये ऐसा…. प्रमोद महाजन की रातो की नींद वैसे ही गायब है, आप यह सब बोल कर उनका दिन का चैन भी छीन लेना चाहते है?

अभी बात यही पर खत्म नही होती, और भी शीत-युद्द चल रहे है बीजेपी मे…. राजनाथ Vs कल्याण,लालजी टन्डन Vs विनय कटियार,जोशी Vs अडवानी और गिनाने के लिये भी बहुत कुछ है, लेकिन फिर कभी…

बीजेपी जो कहती थी, कि हमारी पार्टी सबसे अलग है… अब कांन्ग्रेस के नक्शे कदम पर चल रही है.. वही गुटबाजी, वही शक्ति प्रदर्शन और वही टाँग खिचाई. भगवान भला करे भारतीय मतदाता का.. सचमुच उसके पास कोई च्वाइस नही है.

2 responses to “बीजेपी मे उठापटक”

  1. microzide

    microzide

  2. zantac

    zantac

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