थिकसे मठ (Thiksey Monestery) , 15वीं शताब्दी की यह शानदार संरचना, लेह से लगभग 15 किलोमीटर दूर, एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। थिकसे मठ तिब्बती बौद्ध धर्म की वास्तुकला भव्यता और आध्यात्मिकता का शानदार उदाहरण है। जितनी खूबसूरत ये बाहर से दिखाई देती है, उससे कहीं ज्यादा भव्यता अंदर से दिखती है। इसे अक्सर ल्हासा के पोटाला महल के समकक्ष माना जाता है।अब तिब्बत तो कभी गए नहीं यही देख लेते हैं।
यहाँ का मुख्य आकर्षण 15 मीटर ऊँचा मैत्रेय बुद्ध की प्रतिमा है। थिकसे मठ सिर्फ धार्मिक महत्व का स्थल नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक केंद्र भी है जहाँ आगंतुक रोजमर्रा के अनुष्ठान देख सकते हैं। आध्यात्मिक रूप से मुझे यहॉं जाना बहुत अच्छा लगता है। कभी लेह जाए तो इसको जरूर विजिट करियेगा। साल में यहॉं पर एक महोत्सव होता है, कोशिश करिए उस समय विजिट करिए। एक शानदार अनुभव।
चित्र : लद्दाख यात्रा 2015
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